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बढ़ते शहरों के साथ अर्बन प्लानिंग में करियर

इस समय नए दौर के करियर परिदृश्य में अर्बन प्लानिंग या शहरी नियोजन में बहुआयामी करियर के मौके उभरकर दिखाई दे रहे हैं। अर्बन प्लानिंग के अंतर्गत नए या पहले से बसे शहरों के ढांचे में बदलाव लाने की रूपरेखा तैयार की जाती है। यह एक ऐसा सेक्टर है जिसमें किसी शहर के कम्युनिकेशन नेटवर्क एवं ट्रांसपोर्टेशन को ध्यान में रखते हुए पूरे शहर की जमीन के सही इस्तेमाल और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए यह निर्धारित किया जाता है कि कौन-सी जमीन हाउसिंग के लिए उपयोगी होगी और कौन-से क्षेत्र में मार्केट या माल आदि का निर्माण तथा कौन-से स्थानों पर मनोरंजन स्थलों, कारपोरेट हाउस या औद्योगिक इकाइयों की स्थापना होगी। इस प्रकार अर्बन प्लानिंग में भवन निर्माण से संबंधित जानकारी इकट्ठा करने, ड्राफ्टिंग, ड्राइंग, योजना बनाने, सरकारी विभागों से कोआर्डिनेट करने, वित्तीय प्रबंधन करने, तकनीकी जिम्मेदारियां संभालने जैसे विभिन्न स्तरों पर काम किया जाता हैं। ऐसे में इन विभिन्न क्षेत्रों में करियर की संभावनाएँ होती हैं।

विकसित भारत के निर्माण में बढ़ गई है अर्बन प्लानर्स की अहमियत

इस समय भारत में जहां 31 प्रतिशत लोग शहरों में निवास कर रहे हैं। वहीं, 2050 तक भारत की करीब आधी आबादी शहरों में निवास करेगी। इस समय शहरी आबादी के मामले में भारत का दुनिया में दूसरा स्थान है। तेज रफ्तार से हो रहे शहरीकरण का देश की आर्थिक उन्नति में बहुमूल्य योगदान देखा जा रहा है। वहीं स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विकसित हो रहे नये शहरों (इंदौर, भोपाल आदि) से भी उम्मीदें बढ़ी हैं। शहरों का कायाकल्प हो रहा है। बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक स्थलों को संवारा जा रहा है। पार्क, बाजार, स्टेशन, सड़क तैयार किए जा रहे हैं। जाहिर है, इसके लिए अर्बन प्लानिंग के विशेषज्ञों की आवश्यकता आने वाले समय में और भी बढ़ेगी।

उल्लेखनीय है कि विगत सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में वंदे भारत एक्सप्रेस और मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के फेस-वन के उद्घाटन के मौके पर कहा कि 21वीं सदी के भारत को शहरों के इंफ्रास्ट्रक्चर, मेट्रो और एयर कनेक्टिविटी से नई गति मिलने वाली है। बदलते हुए समय और बदलती हुई जरूरतों के मुताबिक हमें शहरी नियोजन यानी अर्बन प्लानिंग अपने शहरों को निरंतर आधुनिक बनाना जरूरी है। देश के शहरों में ट्रांसपोर्ट सिस्टम आधुनिक हो, सीमलेस कनेक्टिविटी हो, यातायात के साधन एक-दूसरे को सपोर्ट करें, ये किया जाना आवश्यक है। इसी सोच के साथ बीते आठ वर्षों से शहरों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत बड़ा निवेश किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के शहरों के विकास पर इतना अधिक फोकस, इतना बड़ा निवेश इसलिए किया जा रहा है क्योंकि ये शहर आने वाले पच्चीस साल में विकसित भारत के निर्माण को सुनिश्चित करेंगे। ये निवेश सिर्फ कनेक्टिविटी तक सीमित नहीं है। बल्कि दर्जनों शहरों में स्मार्ट सुविधाएं बन रही हैं, मूल सुविधाओं को सुधारा जा रहा है। मुख्य शहर के आसपास के इलाकों उपनगरीय क्षेत्रों को विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान 2021 और नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी 2022 को मुठ्ठियों में लेकर पुराने शहरों में सुधार और उनके विस्तार पर फोकस के साथ-साथ ऐसे नए शहरों का निर्माण भी किया जा रहा है, जो ग्लोबल बिजनेस डिमांड के अनुसार तैयार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे स्टूडेंट्स के द्वारा अपने अध्ययन को शहरी नियोजन की डगर पर भी आगे बढ़ाया जाना लाभप्रद होगा।

यह भी महत्वपूर्ण है कि नौकरी और बेहतर भविष्य के लिए जैसे-जैसे ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों का शहरों की ओर पलायन हो रहा है, उससे भी शहरों की बुनियादी सुविधाओं एवं संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है। प्राइवेट बिल्डर्स से लेकर सरकारी एजेंसियां अर्बन और टाउन प्लानिंग के ऊपर विशेष ध्यान दे रही हैं। शहरों का कायाकल्प किया जा रहा है। इससे अर्बन प्लानिंग सेक्टर में ऐसे शोध एवं रचनात्मकता के विचारों से सुसज्जित युवाओं की मांग बढ़ रही है, जो भारत के भविष्य के आधुनिक शहरों के विकास में भागीदार बन सकें।

अर्बन प्लानिंग में करियर के जरूरी स्किल्स

अर्बन प्लानिंग में अच्छे करियर के लिए पर्यावरण, इकोलाजी, डेमोग्राफी, लैंड इकोनामिक्स, सोशल कल्चर, सोशियोलाजी आदि की जानकारी होनी आवश्यक है। इसके अलावा, लोगों को किफायती और बजट वाले हाउसिंग विकल्प देने, ट्रांसपोर्टेशन मुहैया कराने संबंधी कौशल भी जरूरी होता है। टीम स्पिरिट, लीडरशिप और कोआर्डिनेशन स्किल्स के साथ-साथ इस क्षेत्र में अपनी स्किल को हमेशा अपडेट करते रहने की जरूरत भी होती है।

अर्बन प्लानिंग में करियर संबंधी शैक्षणिक योग्यता

अर्बन प्लानिंग में करियर बनाने के मद्देनजर पीसीएम विषय रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए अधिक संभावनाएं होती है। अर्बन प्लानिंग में डिप्लोमा, डिग्री और पोस्ट ग्रेजुएशन के कोर्स लाभप्रद हैं। आर्किटेक्चर में ग्रेजुएशन के बाद अर्बन प्लानिंग या उससे संबंधित कोर्स में मास्टर कोर्स भी लाभप्रद है। स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर समेत कई इंस्टीट्यूट इससे संबंधिक कोर्स संचालित कर रहे हैं। इसके लिए प्रवेश परीक्षा भी होती है। जिन्होंने सिविल इंजीनियरिंग या बीटेक किया है, वे भी अर्बन प्लानिंग में पोस्टग्रेजुएशन कर सकते हैं। यह भी महत्वपूर्ण है कि ज्योग्राफी, इकोनामिक्स और सोशियोलाजी में न्यूनतम 50 प्रतिशत के साथ मास्टर्स करने वाले भी अर्बन प्लानिंग में कोई डिप्लोमा या डिग्री लेकर अच्छी संभावनाएँ रखते हैं। अर्बन प्लानिंग में करियर बनाने वाले स्टूडेंट्स एनवायरमेंट, ट्रांसपोर्ट, अर्बन डिजाइन, रीजेनरेशन, लैंडस्केप प्लानिंग और हेरिटेज में विशेषज्ञता प्राप्त करके तेजी से आगे बढ़ सकते हैं।

अर्बन प्लानिंग में छलांगे लगाकर बढ़ रहे हैं करियर के मौके

निश्चित रूप से अर्बन प्लानिंग करियर के बहुआयामी मौकों का सेक्टर है, इसके तहत सरकारी और निजी क्षेत्र में काम करने के अनेक मौके हैं। इंटरनेशनल कंसल्टेंसी, शहरी विकास प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड, म्यूनिसिपल कारपोरेशन, शहरी विकास प्राधिकरण, जिला एवं ग्रामीण नियोजन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, रियल इस्टेट, एनजीओ, राज्य या केंद्र सरकार की परियोजनाओं तहत करियर के मौके होते हैं। अर्बन डिजाइन, ट्रांसपोर्ट, एक्सेसिबिलिटी प्लानिंग और हेल्थ सेक्टर इन सभी क्षेत्रों में अर्बन प्लानर्स के लिए करियर के मौके छलांगे लगाकर बढ़ रहे है।

अर्बन प्लानिंग का कोर्स कहां से किया जाएं

अर्बन प्लानिंग में डिप्लोमा, डिग्री या पोस्ट ग्रेजुएशन के विभिन्न कोर्स देश के कोने-कोने में स्थित टेक्नोलाजी, इंस्टिट्यूट, स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, एनवायरनमेंटल प्लानिंग एंड टेक्नोलाजी इंस्टीट्यूट एवं अर्बन प्लानिंग से सम्बद्ध विशेष संस्थानों में संचालित किए जाते हैं। आप अपनी रूचि, योग्यता और क्षमता के अनुरूप उपयुक्त संस्थान से उपयुक्त कोर्स करके अर्बन प्लानिंग के क्षेत्र में अच्छे करियर की डगर पर आगे बढ़ सकते हैं।

डॉ. जयंतीलाल भंडारी ( विख्यात करियर काउंसलर) 111, गुमास्ता नगर, इंदौर-9 (फोन- 0731 2482060, 2480090)