फुटवियर डिजाइनर बनने के लिए फैशन में रुचि रखना तथा जूतों के प्रति अनुराग आवश्यक है। गौरतलब है कि फुटवियर डिजाइनर टेक्निकल या स्टाइलिस्ट डिजाइनर के रूप में काम करते हैं। टेक्निकल डिजाइनर पैटर्न मेकिंग, कटिंग और डिजाइनिंग का काम करते हैं तथा स्टाइलिस्ट डिजाइनर फैशन और स्टाइल के लेटेस्ट ट्रेन्ड के अनुसार फुटवियर के यूनिक लुक और स्टाइल अपील पर काम करते हैं। इन दोनों के सामंजस्य से बनते हैं- स्पोट्र्स शूज, लेदर शूज, सैन्डल, कोल्हापुरी, मोजरी,चप्पलें और यही नहीं खास तरीकों से बनाए गए फुटवियर्स जैसे स्पेसवियर, बीमार और शारीरिक विकलांगों के लिए निर्देशित जूते आदि। उल्लेखनीय है कि फुटवियर डिजाइनिंग बेहद सृजनात्मक क्षेत्र है। इसके लिए ड्राइंग कौशल भी महत्वपूर्ण होता है। फुटवियर डिजाइनिंग को सभी डिजाइन करियर्स में सर्वाधिक तकनीकी दर्जा प्रदान किया गया है। इसकी शुरुआत पद्धतियों के रेखांकन की योजना एवं पैमाना, ड्राइंग्स में डिजाइनों के निर्माण के साथ होती है। इसके उपरांत नमूना प्रोटोटाइप्स के सृजन और कार्यशीलता तथा सौंदर्य वृद्धि के लिए कार्य किया जाता है। यह चमड़े, कैनवास, लकड़ी, प्लास्टिक, पटसन, मैटल्स आदि के साथ किया जा सकता है। निर्मित जूते की फिटिंग परफेक्ट होनी चाहिए इसमें बदलाव की कोई संभावना नहीं होती है। इसके साथ ही आरामदायकता, सुरक्षा तथा गुणवत्ता मापदंड भी उतने ही महत्वपूर्ण होते हैं। एक फुटवियर डिजाइनर के रूप में आप निम्नलिखित तीन क्षेत्रों में से किसी एक में कार्य का चुनाव कर सकते हैं। यह तीन क्षेत्र हैं-1. हाई फैशन डिजाइनर, 2. रेडी टू वियर डिजाइनर तथा 3. स्ट्रीट फैशन डिजाइनर। हाई फैशन डिजाइनर महँगे तथा सेलेब्रिटिज द्वारा पहने जाने वाले फुटवेयर डिजाइन करते हैं। रेडी टू वियर डिजाइनर विभिन्न मौसमों के अनुरूप फुटवियर डिजाइन करते हैं। स्ट्रीट फैशन डिजानर रोजमर्रा के जीवन में उपयोग होने वाले सस्ते एवं ड्यूरेबल फुटवियर डिजाइन करते हैं। फुटवियर डिजाइनिंग से जुड़े अनेक पाठ्यक्रम देश में उपलब्ध हैं। दसवीं कक्षा उत्तीर्ण छात्र फुटवियर डिजाइनिंग से जुड़े लघु अवधि के कोर्स कर सकते हैं। इस प्रकार के कोर्स प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम कहलाते हैं। फुटवियर डिजाइन के स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए किसी भी विषय में स्नातक होना आवश्यक है। फुटवियर इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम जो कि बी. टैक./ एम. टैक होते हैं, इन पाठ्यक्रमों में विज्ञान विषयों के छात्र प्रवेश ले सकते हैं। बी. टैक. पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु बारहवीं परीक्षा गणित विषय समूह से उत्तीर्ण होना आवश्यक है। एम.टैक. में प्रवेश हेतु बी.टैक. डिग्री आवश्यक है। फुटवियर डिजाइनिंग के डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है। सामान्यत: सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु इंट्रेंस एक्जाम क्लीयर करना जरूरी है। फुटवियर डिजाइन एंड डेवलपमेंट पाठ्यक्रम करने के उपरांत 20 हजार रुपए मासिक से लेकर 50 हजार रुपए मासिक तक वेतन आसानी से मिल जाता है। अनुभव बढऩे के साथ-साथ वेतन भी बढ़ता जाता है। आज इस क्षेत्र में रीबॉक, लिबर्टी, एडीडास, नाइके, बाटा, वुडलैंड, लखानी, रेड चीफ और ली कूपर जैसी बड़ी और बहुराष्टï्रीय कंपनियों द्वारा बहुत अच्छे पैकेज के साथ प्लेसमेंट दिया जा रहा है। चाहें तो अपना स्वयं का रोजगार भी प्रारंभ किया जा सकता है। फुटवियर डिजाइन एवं टेक्नोलॉजी का कोर्स कराने वाले देश के प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं- • सेन्ट्रल फुटवियर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, आगरा। • फुटवियर डिजाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, नोएडा। • शू डिजाइन सेंटर, करोलबाग, नई दिल्ली। • सेन्ट्रल फुटवियर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, चेन्नई। • स्कूल ऑफ फैशन एंड शू टेक्नोलॉजी, चंडीगढ़। • कॉलेज ऑफ लेदर टेक्नोलॉजी,कोलकाता। • केन्द्रीय चमडा अनुसंधान संस्थान चेन्नई।