पिछले कुछ सालों में इस क्षेत्र में करियर के अवसर काफी बड़े हैं। एमए संस्कृत के बाद जो छात्र नेट क्वालिफाई करते हैं या पीएचडी करते हैं, उन्हें कॉलेज यूनिवर्सिटी में टीचिंग का अच्छा अवसर मिलता है।
एमए के बाद बीएड करने वाले छात्रों को स्कूलों में टीचिंग के अच्छे अवसर मिल रहे हैं। इसके साथ ही लेखन, पत्रकारिता, एनजीओ, सामाजिक क्षेत्रों, अनुवादक, लेखक, कवि और कंटेंट राइटिंग के भी अवसर मिल रहे हैं। कर्मकांड में भी देश-विदेश में नए अवसर मिल रहे हैं।
संस्कृत की डिग्री के साथ संग्राहालयों, विरासत स्थलों और पर्यटन क्षेत्र में भी करियर बनाया जा सकता है।
देश के विभिन्न कॉलेजों और निजी विश्वविद्यालयों में एमए संस्कृत में एडमिशन के विकल्प उपलब्ध हैं। इंदौर में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय और शासकीय संस्कृत कॉलेज में भी यह कोर्स उपलब्ध है।
संस्कृत में अलग-अलग स्पेशलाइजेशन के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी सरकारी कॉलेजों में लगातार निकल रही है। इसमें संस्कृत, संस्कृत साहित्य, संस्कृत व्याकरण, संस्कृत प्राध्यापक, और संस्कृत ज्योतिष जैसे स्पेशलाइजेशन मौजूद हैं।