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इस समय देश ही नहीं दुनिया में भारत के कम्प्यूटर साइंस सेक्टर में करियर की ऊँचाइयों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने चमकीले पंख लगा दिए हैं। जहाँ इस समय भारत के विभिन्न उद्योग-कारोबार में एआई को तेजी से अपनाया जा रहा है, वहीं दुनिया के कोने-कोने में उद्योग-कारोबार सहित जीवन के हर क्षेत्र में एआई की प्रभावी भूमिका बढ़ती जा रही है। इसमें कोई दो मत नहीं हैं कि एआई और जेनरेटिव एआई के आने से टेक्नोलॉजी की दुनिया तेजी से बदल रही है तथा इसे अपनाने के लिए लगातार विभिन्न कंपनियां तेजी से आगे आ रही हैं। इससे उनके खर्चों में भारी कमी आएगी, वहीं काम कहीं ज्यादा आसान हो जाएगा। टेक स्टाफिंग साल्यूशन कंपनी टीमलीज डिजिटल की एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक इस समय एआई की बढ़ती जरूरत के मद्देनजर 37 प्रतिशत से अधिक कंपनियां अपने कर्मचारियों को इस तकनीक में कुशल बनाने पर जोर दे रही हैं।
भारत बनेगा एआई का हब और बढ़ेंगे करियर मौकें
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के महत्व को ध्यान में रखते हुए भारत को एआई हब के रूप में विकसित करने की गई रणनीति आगे बढ़ाई गई है। सरकार नई पीढ़ी को आईटी की नए दौर की शिक्षा, तकनीकी जरूरतों और इंडस्ट्री की अपेक्षाओं के अनुरूप एआई, वर्चुअल रियल्टी, रोबोटिक प्रोसेस, ऑटोमेशन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, बिग डाटा एनालिसिस, क्लाउड कम्प्यूटिंग, ब्लॉक चेन जैसे क्षेत्रों में कुशल बनाने के लिए बड़ा निवेश भी कर रही है।
एआई का तेजी से बढ़ता बाजार-
निसंदेह एआई की बढ़ती उपयोगिता के कारण इसका बाजार आकार बढ़ता जा रहा है। आइओटी एनालिटिक्स की जेरनेटिव एआई मार्केट रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2032 तक एआई साफ्टवेयर और इसकी सेवाओं का बाजार बढ़कर 17.30 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा, जो अभी 15,385 करोड़ रुपए के लगभग हैं। इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन (आईबीइएफ) सहित विभिन्न आईटी रिसर्च संगठनों की रिपोर्टों के मुताबिक भारतीय आईटी सेक्टर की आय वर्ष 2025 तक बढ़ते हुए 350 अरब डॉलर की ऊँचाई पर पहुँच सकती है। इसमें एआई की अहम भूमिका होगी। हाल ही में 7 मार्च 2024 को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय एआई (आर्टिफिशल इंटेलिजेंस) मिशन के लिए 10,371.92 करोड़ रुपये का पैकेज मंजूर किया है। इसके तहत प्रासंगिक स्टार्टअप में निवेश के साथ ही शैक्षणिक संस्थानों को अनुसंधान और विकास (आरऐंडडी) में सहयोग के लिए निश्चित राशि भी निर्धारित की गई है। इसमें नए प्लेटफॉर्मों की स्थापना भी शामिल है जो स्वास्थ्य सेवा, कृषि और प्रशासन जैसे क्षेत्रों के लिए प्रमुख भारतीय भाषाओं को कवर करने वाले डेटासेट पर प्रशिक्षित युवाओं को आगे बढ़ाएगी।
एआई में तेजी से बढ़ रहे हैं करियर के विकल्प-
वर्तमान दौर एआई स्किल्स का दौर है। इस समय एआई स्किल्स को सीखने के बाद स्टूडेंट्स एआई डेवलपर, मशीन लर्निंग इंजीनियर, डाटा साइंटिस्ट, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग इंजीनियर, रोबोटिक प्रोग्रामर, फेस रिकग्निशन साफ्टवेयर डेवलपर व डीप लर्निंग इंजीनियर जैसे कई तरह के अच्छे करियर बना सकते हैं। एआई विशेषज्ञता से कम्प्यूटर और आईटी सेक्टर में रोजगार व स्वरोजगार के चमकीले मौके हैं। देश और दुनिया की आईटी कंपनियाँ में, साफ्टवेयर इंजीनियर, भारतीय थल सेना, वायु सेना, नौ सेना में कम्प्यूटर विशेषज्ञ, बैंक, रेलवे, इंश्योरेंस तथा अन्य शासकीय, अर्द्धशासकीय एवं निजी उपक्रमों में एआई कम्प्यूटर विशेषज्ञ, कम्प्यूटर मल्टीमीडिया के तहत ऑडियो, वीडियो, टेक्स्ट, ग्राफिक्स, एनिमेशन विशेषज्ञ, कॉल सेंटर ऑपरेटर, वॉइस मेल ऑपरेटर, स्टॉक मार्केट में कम्प्यूटर प्रोग्रामर, टेक्स रिटर्न सेवा कम्प्यूटर एक्सपर्ट, जैसे विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ एआई दक्षता के साथ आउटसोर्सिंग करके विदेशों में भी अपनी सेवाएँ प्रदान करके शानदार करियर बनाया सकता हैं।
एआई सेक्टर में तेजी से बढ़ रही है विशेषज्ञ प्रोफेशनल्स की मांग
टीमलीज डिजिटल की रिपोर्ट के मुताबिक देश में एआई सेक्टर में इस समय 45 हजार से ज्यादा रिक्तियाँ हैं। जहाँ फ्रेशर एआई प्रोफेशनल्स को अच्छा शुरुआती पैकेज है, वहीं अनुभवी एआई प्रोफेशनल्स के लिए आकर्षक सालाना पैकेज है। चूँकि भारत दुनिया की तीसरी बड़ी डिजिटल इकोनॉमी है, अतएव एआई एक्सपर्ट के लिए विभिन्न कंपनियों ने नए डिजिटल अवसर पैदा किए हैं। देश और दुनिया की ज्यादातर कारोबारी गतिविधियां अब ऑनलाइन हो गई हैं। चूँकि आने वाले वर्षों में एआई और इसके टूल्स का उपयोग तेजी से बढ़ने वाला है। ऐसे में इन टूल्स और साफ्टवेयर को बनाने वाले एआई डेवलपर्स की मांग भी बढ़ेगी। यह बात महत्वपूर्ण है कि स्वयं को एआई इनेबल्ड बना लेने पर उसका सारा काम साफ्टवेयर करेंगे। जब मशीनें प्रोग्रामिंग और कोडिंग के अनुसार वह काम करने लगती हैं, तो वहां गलतियों की गुंजाइश कम होती है। यूएसबीएलएस की नई रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2032 तक एआई साफ्टवेयर डेवलपर्स की करीब 26 फीसदी मांग बढ़ने की प्रचुर संभावनाएँ हैं। निश्चित रूप से एआई की नई बदलती तकनीक के साथ स्वयं को अपडेट रखते हुए ऐसे पेशेवर करियर की ऊँची सीढ़ियां चढ़ सकते हैं।
एआई करियर की जरूरी स्किल्स
एआई करियर की जरूरी स्किल्स में कम्प्यूटर और आईटी सेक्टर के साथ-साथ कोडिंग स्किल्स में पूर्ण रुचि व दक्षता जरूरी है। इस सेक्टर में करियर बनाने के लिए गणित, विज्ञान और अंग्रेजी में दक्षता जरूरी है। कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग में विशेष रुचि लगातार लम्बे समय तक घंटों सीटिंग, अच्छा शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य, तर्कशील सोच, सकारात्मक रूख, निरंतर पढऩे की ललक जैसी स्किल्स जरूरी हैं। स्टूडेंट साफ्टवेयर डेवलपमेंट से संबंधित उपयुक्त कोर्स करके भी एआई कौशल सीख और निखार सकते हैं। जरूरी है कि उन्हें कोडिंग पसंद हो और जो कोडिंग कर सकते हों। इतना ही नहीं इस तकनीक को सीखने के लिए किसी डिग्री की भी बाध्यता नहीं है। कोई भी इसे सीख सकता है, चाहे वह तकनीकी क्षेत्र से हो या गैर-तकनीकी से। लेकिन कम्प्यूटर दक्षता का आधार जरूरी है।
एआई सेक्टर में अच्छे करियर की योग्यताएँ
सामान्यतया 12वीं तक गणित विषय लेने वाले छात्रों के लिए सूचना प्रौद्योगिकी और कम्प्यूटर क्षेत्र में अधिक अवसर मौजूद हैं। एआई में करियर के लिए बीटेक/बीई इन कम्प्यूटर, बीटेक/बीई इन आईटी, बीसीए, बीएससी कम्प्यूटर साइंस, एमटेक/एमई कम्प्यूटर साइंस, एम टेक/एमई, इन आईटी, एमसीए, एमएससी कम्प्यूटर साइंस जैसी डिग्रियों के साथ एआई की विशेषताओं की अहमियत है। एआई आधारित पृथक कोर्स भी विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में उपलब्ध हैं। जेई मेन्स और एडवांस परीक्षाओं के माध्यम से आईआईटी, एऩआईटी सहित देश के अच्छे देश के अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश लेकर एआई संग अच्छा करियर बनाया जा सकता है। जीआरई देकर विदेश की किसी अच्छी युनिवर्सिटी से एआई विशेषज्ञता के साथ एमएस की डिग्री प्राप्त करके एआई करियर को ऊँचाई दी जा सकती है। कोर्सेरा, उडेमी जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी एआई से संबंधित शार्ट टर्म कोर्स करा रहे हैं, जिन्हें आसानी से ऑनलाइन भी किया जा सकता है।
कैसे बनाएं एआई में करियर
यदि आपकी रूचि, योग्यता व क्षमता एआई आधारित कोडिंग प्रोग्रामिंग में हो, आप में कल्पनाशीलता का प्रयोग करने की क्षमता हो, तो आप एआई के क्षेत्र में स्वयं को अच्छे करियर के लिए आगे बढ़ा सकते हैं। चूँकि अभी यह नई तकनीक है, इसलिए इस तकनीक में कुशल युवा बहुत ज्यादा बाजार में नहीं है। ऐसे में अभी इस क्षेत्र में करियर की ऊँची संभावनाएँ हैं। देश के कोने-कोने में एआई विशेषज्ञता के साथ कम्प्यूटर तथा आईटी की शिक्षा देने वाले अनेक गुणवत्तापूर्ण संस्थान हैं इनमें आईआईटी, एऩआईटी सहित देश के प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेज शामिल हैं। देश के कई विश्वविद्यालयों में भी एआई संग कम्प्यूटर साइंस व आईटी के डिपार्टमेंट हैं। ऐसे में आप उपयुक्तता के अनुरूप अच्छे विश्वसनीय संस्थान का चयन करके नई एआई विशेषज्ञता के साथ करियर की डगर पर करियर के चमकीले मौकों को मुठ्ठियों में लेने के लिए आगे बढ़ सकते हैं।