मध्य प्रदेश के 17 धार्मिक शहरों में शराबबंदी का फैसला
मध्य प्रदेश सरकार महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग सहित प्रदेश के 17 धार्मिक शहरों में पूरी तरह से शराबबंदी लागू करने जा रही है। यह निर्णय शुक्रवार को महेश्वर में होने जा रही मंत्रिमंडल की बैठक में लिया जाएगा, जिसमें प्रदेश की नई शराब नीति पर मुहर लगेगी। शराबबंदी 1 अप्रैल से लागू हो सकती है। इस प्रस्ताव के तहत सबसे अधिक 17 शराब की दुकानों को उज्जैन शहर में बंद किया जाएगा। सरकार नई सरकारी देसी शराब का विकल्प भी ला सकती है।
शराबबंदी से प्रभावित स्थान
शराबबंदी निम्नलिखित स्थानों पर लागू की जाएगी:
- नगर निगम: उज्जैन
- नगर पालिका: मेहर, दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर
- नगर पंचायत: ओरछा, चित्रकूट, अमरकंटक, महेश्वर, ओंकारेश्वर, मंडलेश्वर
- ग्राम पंचायत: सलकनपुर, बांदकपुर, कुंडलपुर, बरमानकला, लिंगा, बरमानखुर्द
राजस्व नुकसान और उसकी भरपाई
इस शराबबंदी के कारण लगभग 400 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो सकता है। वर्तमान में कुल आय 13,941 करोड़ रुपये है। हालांकि, नई शराब नीति में लाइसेंस शुल्क में 20% वृद्धि की जाएगी, जिससे अतिरिक्त 2,788 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। शराबबंदी के बावजूद, राजस्व 16,329 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
राजस्व की भरपाई कैसे होगी?
शॉप्स के रिन्युअल लाइसेंस शुल्क में मौजूदा दर से 20% वृद्धि का प्रस्ताव है। इसके अतिरिक्त, यह शर्त जोड़ी जाएगी कि जिस जिले में 80% दुकानों का रिन्युअल 20% अधिक दर पर होगा, उन्हें ही रिन्युअल माना जाएगा। जहां रिन्युअल 80% से कम होगा, वहां फिर से टेंडर जारी किए जाएंगे।
2025 तबादला नीति
सरकार 4 साल बाद नई तबादला नीति-2025 लाने जा रही है। इस नीति के तहत, जिन तबादलों को कोर्ट के आदेश, दिव्यांगता, बीमारी या आकस्मिक अनिवार्यता के कारण करना जरूरी होगा, वे किसी भी समय किए जा सकेंगे। प्रभारी मंत्रियों को तबादला करने का अधिकार भी दिया जाएगा। मुख्य तबादला नीति अप्रैल में लाई जाएगी, जिसके बाद सभी प्रकार के तबादलों पर लगी रोक हटेगी।