अमरनाथ यात्रा 2025: 1.5 लाख जवानों के साथ अब तक की सबसे बड़ी सुरक्षा तैनाती
अमरनाथ यात्रा 2025 के लिए सुरक्षा के लिहाज से अब तक की सबसे बड़ी तैयारियाँ की गई हैं। हर साल लाखों श्रद्धालु जम्मू-कश्मीर के दुर्गम पहाड़ी मार्गों से होते हुए बर्फानी बाबा की पवित्र गुफा के दर्शन के लिए जाते हैं।
इस बार सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए 1.5 लाख से अधिक जवानों की तैनाती की घोषणा की है। यह यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी, और पहला जत्था 2 जुलाई को रवाना होगा।
अब तक की सबसे बड़ी सुरक्षा तैनाती
इस वर्ष यात्रा मार्गों पर 1.50 लाख सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी, जिसमें भारतीय सेना, CRPF, जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य अर्धसैनिक बल शामिल होंगे।
उन्नत निगरानी और त्वरित कार्रवाई बल
- ड्रोन और सैटेलाइट निगरानी: हाई-रिज़ॉल्यूशन ड्रोन और CCTV कैमरों के माध्यम से 24x7 निगरानी होगी।
- त्वरित कार्रवाई बल (QRT): संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष बल तैनात होंगे जो आपातकालीन स्थितियों में तुरंत प्रतिक्रिया देंगे।
- इंटेलिजेंस नेटवर्क: सभी सुरक्षा एजेंसियों के बीच रियल-टाइम सूचना साझा की जाएगी ताकि संभावित खतरे पहले से पहचाने जा सकें।
यात्रा न रोकी जाएगी, न सीमित होगी
हाल ही में हुए सुरक्षा हमलों के बावजूद अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि अमरनाथ यात्रा रद्द नहीं की जाएगी और न ही सीमित की जाएगी। सभी श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और व्यवस्थित दर्शन सुनिश्चित करने की पूरी तैयारी है।
पंजीकरण अनिवार्य
अमरनाथ यात्रा 2025 की तैयारियाँ जोरों पर हैं और पंजीकरण प्रक्रिया पहले से शुरू हो चुकी है। बिना पंजीकरण और हेल्थ सर्टिफिकेट के किसी को यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह यात्रा कुल 45 दिनों तक चलेगी।