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ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिकल व्हीकल सेक्टर में बढ़ रहे हैं करियर मौके


यकीनन देश में तेजी से बढ़ते ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिकल व्हीकल (ईव्ही) सेक्टर में अच्छे करियर के मौके तेजी से निर्मित होते हुए दिखाई दे रहे हैं। अक्टूबर 2023 में प्रकाशित आर्थर डी. लिटिल की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के ऑटोमोटिव उद्योग में डिजाइन, विकास और उत्पादन के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित होने की क्षमता है, जो वैश्विक बाजारों को आकर्षित करेगा। ऑटोमोटिव सॉफ्टवेयर और ई आर एंड डी (इंजीनियरिंग अनुसंधान और विकास) में भारत की ताकत जोनल आर्किटेक्चर और एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (एडीएएस) जैसे उभरते रुझानों के अनुरूप समाधान पेश करते हुए तेजी से बढ़ सकती है। इसके अलावा देश में एक समृद्ध, अच्छी तरह से वित्त पोषित स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के साथ ऑटोमोटिव इनोवेशन लीडर बनने की भी क्षमता है।

वर्ष 2035 तक 83 लाख करोड़ की होगी भारतीय ऑटो इंडस्ट्री और बढ़ेंगे मौके

निश्चित रूप से भारत ऑटो इंडस्ट्री से सम्बद्ध डिजाइन, डेवलपमेंट, उत्पादन के मामले में ग्लोबल हब बन सकता है आर्थर डी लिटिल की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग में 2035 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर बाजार आकार तक विकसित होने की क्षमता है। रिपोर्ट के अनुसार, ऑटोमोबाइल उद्योग विनिर्माण, नवाचार द्वारा सक्षम आकार तक बढ़ सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया के सॉफ्टवेयर हब और ऐसी गतिविधियों के लिए शीर्ष अपतटीय गंतव्य के रूप में अपनी स्थिति का लाभ उठा सकता है क्योंकि ऑटोमोटिव आर एंड डी और सॉफ्टवेयर का बाजार 2030 तक तीन गुना बढ़कर 400 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में इस सेक्टर में रोजगार के लाखों मौके होंगे।

अब ईवी सेक्टर में 2030 तक होगी एक करोड़ नौकरियाँ

उल्लेखनीय है कि आगामी वर्षों में देश के ईवी सेक्टर सबसे ज्यादा नौकरियाँ मिलेगी। इस इंडस्ट्री में मैकेनिकल, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरों के साथ-साथ डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोफेशनल्स के लिए भी अच्छे मौके होंगे। रैंडस्टैंड इंडिया, मॉर्डर, इंटेलिजेंस और लिंक्डइन की अलग-अलग रिपोर्टस में ये अनुमान लगाए गए हैं कि 2030 तक भारतीय ईवी मार्केट 45-50 प्रतिशत की शानदार ग्रोथ देखेगा। तब इसके चलते इस सेक्टर में 80 लाख से लेकर 1 करोड़ तक सीधी नौकरियां पैदा होंगी। हीरो इलेक्ट्रिक के मुताबिक वर्तमान दौर में मैन्युफैक्चरिंग के लिए ईवी इंडस्ट्री को 50 लाख से ज्यादा लोगों की जरूरत हैं। कर्मचारियों की ये जरूरत सिर्फ ईवीं कंपनियों तक सीमित नहीं है, बल्कि पुर्जा बनाने वाली कंपनियों और सर्विस प्रोवाइडर्स भी इसमें शामिल हैं। इतना ही नहीं लिंकडइन इंडिया की ग्लोबल ग्रीन स्किल रिपोर्ट के मुताबिक कम से कम एक ईवी स्किल वाले ऑटोमोटिव कर्मियों की संख्या के मामले में भारत ने अमेरिका, मैक्सिको, कनाड़ा और यूरोप के कई देशों को पहले ही पीछे छोड दिया है। भारत में बीते 5 वर्ष में ऐसे कर्मियों की संख्या सालाना 40 लाख बढ़ी हैं। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी की 24 अक्टूबर 2023 की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2030 तक दुनिया में इलेक्ट्रिक कारों की संख्या लगभग 10 गुना बढ़ जाएगी।

करियर के तेजी से बढ़ते बहुआयामी मौके

बढ़ते हुए ऑटोमोबाइल और ईवी सेक्टर के साथ-साथ मेक इन इंडिया व मेक फॉर द वर्ल्ड के कारण ऑटोमोबाइल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, डेटा साइंस, एआई और टेलीकॉम इंजीनियरिंग की अहमियत बढ़ गई है। यह भी महत्वपूर्ण है कि इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एक ऐसी फील्‍ड है, जो प्रतिवर्ष लाखों युवाओं को जॉब देती है। फील्ड इलेक्ट्रिसिटी, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रोमैगनेटिज्म के एप्लीकेशन, इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट्स के डिजाइन, डेवलपिंग और टेस्टिंग, कंट्रोल सिस्टम, सिग्नल प्रोसेसिंग, रेडियो फ्रीक्वेंसी डिजाइन, माइक्रोप्रोसेसर, पावर जेनरेशन आदि जैसे कोर इंजीनियरिंग विषयों में भी करियर के मौके बढ़ रहे हैं।

गौरतलब है कि ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग की एक महत्वपूर्ण ब्रांच है। इसमें वाहनों और उनके तरह तरह के इंजन जैसे ऑटोमोटिव के डिजाइन और उसके निर्माण किया जाता है। ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग के लिए प्रमुख कोर्स में ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा / सर्टिफिकेट डिप्लोमा, मोटिव पावर टेक्निशियन में डिप्लोमा-ऑटोमोटिव, मेकाट्रोनिक्स और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा, ग्रेजुएट सर्टिफिकेट इन इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन प्रमुख हैं।

करियर के लिए शैक्षणिक जरूरतें

मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर के तहत करियर के लिए 12वीं में पीसीएम स्ट्रीम लाभप्रद होता है। इंजीनियरिंग, और टेक्नोलॉजी की इन विभिन्न ब्रांचों में से रुचि, क्षमता व योग्यता के अनुरूप किसी उपयुक्त ब्रांच को लेकर अच्छा करियर बनाया जा सकता हैं। खासतौर से डेटा साइंस, रोबोटिक्स और इंजीनियरिंग के विभिन्न सेक्टरों में भी डिग्री के बाद करियर की अच्छी संभावनाओं के द्वार पर पहुँच सकते हैं।

रोजगार और स्वरोजगार के मौके

मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिंक सेक्टर के तहत विभिन्न सरकारी और निजी क्षेत्र के उद्योगों में रोजगार और स्वरोजगार के मौके तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। खासतौर से मोबाइल विनिर्माण और विशेषीकृत इलेक्ट्रॉनिक पुर्जे, फार्मा ड्रग्स एवं एपीआई तथा चिकित्सा उपकरण, टेक्सटाइल इंडस्ट्री, फुड प्रोसेस इंडस्ट्री, सीमेंट इंडस्ट्री, आईटी इंडस्ट्री एडवांस केमिकल सेल बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक एंड टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल और ऑटो कॉम्पोनेंट्स, फार्मास्यूटिकल ड्रग्स, टेलीकॉम एंड नेटवर्किंग प्रोडक्ट, टेक्सटाइल उत्पादन, फूड प्रोडक्ट्स, सोलर पीवी माड्यूल, व्हाइट गुड्स, स्पेशलिटी स्टील के क्षेत्रों में करियर के मौके विभिन्न विशेषज्ञता के साथ दिखाई दे रहे हैं। इनके अलावा इन सेक्टरों की विभिन्न परियोजनाओं पर विभिन्न कामों में अकाउंटिंग, कॉमर्स, मार्केटिंग व प्रबंध से संबंधी पदों के लिए भी करियर के अच्छे मौके हैं। इनमें चार्टर्ड अकाउंटेंट, एचआर मैनेजर, फाइनेंस मैनेजर, ऑपरेशन्स मैनेजर, प्रोजेक्ट मैनेजर, प्रोडक्शन मैनेजर, मार्केटिंग मैनेजर, पर्चेजिंग मैनेजर, अकाउंटेंट, एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट आदि पदों पर मौके शामिल है।

करियर के जरूरी स्किल्स

मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में करियर बनाने के लिए स्टूडेंट में इंजीनियरिंग अभिरुचि सबसे पहली जरूरत है। किसी वस्तु का आविष्कार करने, उसका डिजाइन बनाने या मशीन टेस्ट करके अलग-अलग प्रयोग करके कुछ नया बनाने की रूचि लाभप्रद होती है। इंजीनियरिंग सेक्टरों में इंजीनियरिंग से संबंधित सेक्टरों में अच्छे करियर के लिए अपने काम में एकाग्रचित्तता, सतत परिश्रम और अंग्रेजी में दक्षता भी लाभप्रद है।

प्रमुख कोर्स एवं संस्थान

मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सेक्टर से संबंधित विभिन्न इंजीनियरिंग के डिग्री कोर्स देश के आईआईटी, एनआईटी तथा देश के विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों में उपलब्ध हैं। इन विभिन्न इंजीनियरिंग ब्रांचों के डिप्लोमा कोर्स देश के विभिन्न पोलिटेकनिक कॉलेजों और आईटीआई में उपलब्ध हैं। जिस इंजीनियरिंग सेक्टर में करियर बनाने का लक्ष्य रखा जाए, उसके अनुरूप उपयुक्त डिग्री और उपयुक्त शैक्षणिक संस्थान का चयन करके करियर की डगर पर आगे बढ़ा जा सकता है।

डॉ. जयंतीलाल भंडारी ( विख्यात करियर काउंसलर) 111, गुमास्ता नगर, इंदौर-9 (फोन- 0731 2482060, 2480090)