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जीव विज्ञान लगभग 350 करोड़ वर्ष पुराना है। इसमें प्राकृतिक दुनिया और इसमें निहित सभी जीव-जन्तु, पेड-पौधों का अध्ययन किया जाता है। जीव विज्ञान को दो शाखाओं में विभक्त किया गया है। एक है जन्तु विज्ञान (जूलॉजी) तथा एक वनस्पति विज्ञान (बॉटनी)। जहाँ जूलॉजी में जीवों का अध्ययन किया जाता है वहीं बॉटनी के अंतर्गत पेड़-पौधों का अध्ययन किया जाता है। साइंस में बॉटनी का महत्व एक ऐेसे विषय के रूप में है, जो कई विषयों की शाखाओं को अपने साथ पैदा करता है। यह मानव जीवन और उसके आसपास के परिवेश को जानने, समझने और उसका संरक्षण करने में काफी मददगार साबित होता है। वनस्पति विज्ञानी आसपास के जीवन के तरह-तरह के रूपों, उनकी गतिविधियों और एक-दूसरे के बीच संबंधों आदि को जानते तथा समझते हैं। इसके लिए आए दिन प्रयोगों और तरह-तरह के अनुभवों से गुजरते हैं।
जीवन के साथ अनिवार्य रूप से जुड़े इस विषय ने हाल के वर्षों में काफी प्रगति की है। इससे तरह-तरह की शाखाएँ उत्पन्न हुई हैं, जहाँ शोध करने और उसमें उपयोगी चीजों की मार्केटिंग की वजह से काम करने के एक से एक बेहतर मौके सामने आए हैं। आज अगर इबोला वायरस का हौवा पैदा हुआ है तो इससे निपटने में, इससे रक्षा करने में कहीं न कहीं एक वनस्पति विज्ञानी ही सामने आएगा। देश में तरह-तरह की दवाएँ निर्माण का कार्य हो या फिर कृषि के लिए बीज निर्माण का कार्य, ड्रग निर्माण हो या फिर वैक्सीन बनाने का, इन सबमें वनस्पतिविदों की भूमिका अहम होती है।
12वीं पास करने के उपरांत बॉटनी में करियर के मौके
12वीं पास करने के उपरांत आप बी.एससी. कर सकते हैं। यहाँ आपके फंडामेंटल मजबूत होते हैं। फंडामेंटल मजबूत हैं तो आप आगे चलकर एक बेहतर बायोटेक्रोलॉजिस्ट बन सकते हैं। जेनेटिक्स में अच्छा कर सकते हैं। कृषि वैज्ञानिक, प्लांट बायोलॉजिस्ट या पर्यावरण वैज्ञानिक के रूप में खुद को स्थापित कर सकते हैं। इस क्षेत्र में दो तरह के अवसर हैं, एक शॉर्ट टर्म यानी बी.एससी. करके और दूसरा लंबे समय बाद यानी एम.एससी. और रिसर्च के बाद । अगर आप बी.एससी. करके तुरंत नौकरी चाहते हैं तो आपके लिए अवसर थोड़े कम हैं। बॉटनी से बी.एससी. डिग्री आपके लिए ऐसी सीढ़ी है, जिस पर चढक़र आप कुछ ही अवसरों की झलक पाते हैं। मसलन दवा कंपनियों में नौकरी करना, लैब सहायक बनना, तकनीकी सहायक बनना या तरह-तरह की फार्मास्युटिकल कंपनियों, वैक्सीन निर्माण कार्य में लगना आदि। बीएड करके स्कूल शिक्षक बन सकते हैं। फार्मास्युटिकल कंपनियों में लग सकते हैं। मेडिकल रिप्रजेन्टेटिव बन सकते हैं। बी.एससी. बॉटनी में करने के उपरांत बायोफिजिक्स, डेवलपमेंट बॉटनी, जेनेटिक्स मॉडलिंग, सिस्टम इकोलॉजी के क्षेत्र में काम कर सकते हैं। इकोलॉजिस्ट, टेक्सोनॉमिस्ट, गार्डन सेंटर कंसलटेंट, फॉरेस्टर तथा प्लांट एक्सप्लोरर के रूप में काम का अवसर मिलता है। बॉटनी के साथ केमिस्ट्री से प्यार करने वाला फिजियोलॉजिस्ट,प्लांट बायोकैमिस्ट, मोलीक्यूलर बायोलॉजिस्ट जैसे क्षेत्रों में काम कर सकता है।
बॉटनी में करियर की विविध संभावनाएँ
एम.एससी. तथा पीएचडी करने के उपरांत करियर के अनेक रास्ते खुलते हैं। बेहतर बायोटेक्रोलॉजिस्ट बन सकते हैं। इससे जुड़ी फर्मों में कई तरह के अवसर मिलते हैं। मॉलीक्यूलर बायोलॉजी, जेनेटिक्स, माइक्रोबायोलॉजी, वैक्सीन प्रोडक्शन, क्रॉप्स इम्यूनाइजेशन में सुधार कर सकते हैं। इसके अलावा कृषि साइंस, कंजरवेशन बायोलॉजिस्ट, फॉरेस्ट कंजर्वेशन के क्षेत्र में जा सकते हैं। दवा निर्माण से जुड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भी इसके जानकारों को अपने यहाँ रख रही हैं। वैक्सीन के किट्स निकालने, एचआईवी डिटेक्टिव किट निकालना जैसी चीजें इस विषय की पढाई करने से ही संभव हो पाती हैं।
आज बॉटनी जैसे बैसिक साइंस में नौकरी की अच्छी संभावनाएँ तभी हैं जब आप इस विषय से जुडे स्पेशलाज्ड कोर्स करते हैं। मसलन बायोटेक्नोलॉजी में एमबीए कर सकते हैं। आज बॉटनी आधारित कई उद्योग खुल रहे हैं, जहाँ इस विषय के छात्रों की भारी माँग हैं। फार्मास्युटिकल कंपनियाँ, रिसर्च एंड डेवलपमेंट में, स्वास्थ्य में, नेचुल प्रोडक्ट के लिए, त्वचा पर साइड़ इफेक्ट जैसे विषयों पर काम करने के लिए इस विषय के छात्रों की जरूरत पड़ती है।
हाल के वर्षों में बॉटनी परम्परागत रूप से कई रूपों में परिवर्तित हुई है। विविधता और प्रयोगों से भरा यह विषय हमें कई क्षेत्रों से रूबरू करता है। हम बायोटेक्रोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, इकोलॉजी, जेनेटिक्स इंजीनियरिंग जैसे कई क्षेत्रों में काम करने का अवसर पाते हैं। बॉटनी में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए यह जरूरी है कि आप में कड़ी मेहनत करने की क्षमता, तेज व कल्पनात्मक सोच व काम के प्रति समर्पण हो। व्यवस्थित तरीके से किसी चीज पर फोकस करके उसकी समझ बनाना जरूरी है। बॉटनी की जिस भी शाखा में करियर बनाना चाहते हैं, उसके बारे में स्नातक स्तर से ही अपनी जानकारी बढ़ाएँ। यह कोर्स कॉमर्स व अंग्रेजी की तरह नहीं है कि जहाँ तुरंत लाभ की अपेक्षा की जाए। लंबे समय तक विषय के साथ जुड़े रहकर कार्य करने और अपनी पहचान बनाने के बाद करियर के बहुत सारे अवसर सामने आते हैं। उच्च शिक्षा यानी एम.एससी., पीएचडी में छात्रों को स्पेशलाइजेशन में काम करने का मौका मिलता है। आईसीएआर, सीएसआईआर व डीएसटी इसके लिए फंडिंग करते हैं। स्पेशलाइज्ड क्षेत्र में काम करने वाला रिसर्च संस्थानों व अध्यापन के क्षेत्र में काम कर सकता है।
जहाँ तक स्नातक का सवाल है, कॉलेज में प्लेसमेंट के लिए आने वाली कंपनियों में ड्रग्स व फार्मास्युटिकल कंपनियाँ बॉटनी के छात्रों को ले जाती हैं। बी.एससी. के बाद मिलने वाले जॉब क्षेत्रों का विवरण इस प्रकार है- स्कूल शिक्षक, लैब असिस्टेंट, मेडिकल रिप्रजेन्टेंटिव, फार्मास्युटिकल कंपनियाँ, मार्केटिंग व अन्य प्रतियोगी परीक्षाएँ आदि। एम.एससी. के बाद आप रिसर्च असिस्टेंट, साइंटिस्ट, अनुसंधानकर्ता, कॉलेज अध्यापन आदि बन सकते हैं। माइक्रोबायोलॉजी, हाइड्रोलॉजी, हर्बल बायोटेक्रोलॉजी मॉलीक्यूलर बायोलॉजी, एयरोबायोलॉजी, बायोटेक्रोलॉजी, नैनोटेक्रोलॉजी, बायोफिजिक्स, बायोमेडिकल साइंस, पर्यावरण विज्ञान, कृषि विज्ञान, भूमि संरक्षण आदि में भी बॉटनी के विशेषज्ञों के लिए रोजगार की उजली संभावनाएँ हैं।
डॉ. जयंतीलाल भंडारी ( विख्यात करियर काउंसलर)