ग्वालियर में 1200 करोड़ से मप्र का पहला प्रिंटेड सर्किट बोर्ड क्लस्टर विकसित होगा
ग्वालियर में जल्द पहला प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी) क्लस्टर स्थापित होगा। 1 मार्च को हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एल्सिना) ने पीसीबी क्लस्टर के लिए सरकार से एमओयू किया है। वर्तमान में भोपाल और जबलपुर में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बने हुए हैं, साथ ही बैरसिया रोड पर बांदीखेड़ी में नया क्लस्टर भी प्रस्तावित है।
पीसीबी क्लस्टर का महत्व
पीसीबी क्लस्टर का इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हर इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण में ये डिवाइस उपयोग होती है। इसके बाद बोर्ड पर छोटे कंपोनेंट लगाने की असेंबली लाइन वाले कुछ यूनिट भोपाल आईटी पार्क में लग चुकी हैं। एल्सिना में एमपीएसईडीसी के साथ लगातार इस मामले पर तैयारी की थी और उन्हें 220 एकड़ जमीन ग्वालियर में पहले दिखाई जा चुकी है।
एमओयू और निवेश
जीआईएस में एल्सिना ने सरकार के साथ एमओयू किया है जिसमे 1 हजार से 1200 करोड़ तक निवेश होगा। 8 -10 पीसीबी मैन्युफैक्चरर आ सकते हैं। अभी अधिकतर निर्माता दिल्ली-एनसीआर में हैं, इसलिए ग्वालियर एल्सिना की पहली पसंद था।
75 एकड़ जमीन आवंटित
एल्सिना के सेक्रेटरी जनरल राजू गोयल ने भास्कर से चर्चा में कहा कि मप्र सरकार ग्वालियर में पीसीबी क्लस्टर के लिए 75 एकड़ जमीन दे चुकी है। टेस्टिंग सेंटर, एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट, टूल रूम आदि भी स्थापित होना प्रस्तावित है। जीआईएस के दौरान हमने 1000 से 1200 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव सौंपा है। उन्होंने कहा कि अभी देश की पीसीबी डिमांड का 15% ही यहाँ निर्माण होता है, बाकी दूसरे देशों से आयात होता है। संगठन से देश भर के 350 से अधिक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर जुड़े हैं।
अब बने कम्पोनेंट क्लस्टर
बैरसिया रोड पर बांदीखेड़ी में 200 एकड़ में नया इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर प्रस्तावित है। एल्सिना के एग्जीक्यूटिव काउंसिल सदस्य मितेश लोकवानी ने कहा कि अभी इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग मप्र में शून्य है। इस सेक्टर में इको सिस्टम डेवलप करने के लिए बांदीखेड़ी में रजिस्टर, ट्रांसिस्टर, डायोफ, वायर हार्नेस, केपेसीटर जैसे कम्पोनेंट बनाने वाला क्लस्टर बनना चाहिए। सहमति के लिए प्रक्रिया हो चुकी है।
एल्सिना का दल जल्द आएगा
हमने जीआईएस से पहले एल्सिना की बोर्ड बैठक भोपाल में कराई थी। इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए उनसे लगातार संपर्क में हैं। जल्द एल्सिना का दल प्रदेश में आकर आगे बात करेगा। भोपाल और ग्वालियर, दोनों जगह जमीन दे सकते हैं। ये पहला क्लस्टर शुरू होते ही सेमी कंडक्टर उत्पादकों की लाइन लग जाएगी। बांदीखेड़ी क्लस्टर के लिए जल्द केंद्र से सहमति की उम्मीद है।