तेजी से बढ़ता एआई मार्केट है भारत की नई ताकत – डॉ. जयंतीलाल भंडारी


तेजी से बढ़ता एआई मार्केट है भारत की नई ताकत

– डॉ. जयंतीलाल भंडारी

11 जून को जारी बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मार्केट 2027 तक तीन गुना बढ़कर 17 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। स्टार्टअप्स की लहर, डिजिटल इकोसिस्टम और प्रतिभाशाली मानव संसाधन इस ग्रोथ को बढ़ावा दे रहे हैं।

भारत के पास वैश्विक एआई टैलेंट का 16% हिस्सा है और यह अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है। भारत में वर्तमान में 6 लाख से अधिक एआई प्रोफेशनल्स हैं, जो 2027 तक 12.5 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है।

विभिन्न क्षेत्रों के उद्योग तेजी से एआई को अपना रहे हैं ताकि नवाचार को बढ़ाया जा सके और प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त प्राप्त की जा सके। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि एआई अपनाने वाले उद्योग भारत को 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय की रिपोर्ट ‘India’s AI Revolution’ के अनुसार, भारत को 2047 तक 23–25 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में एआई प्रोफेशनल्स का अहम योगदान होगा।

गूगल की ‘AI Opportunity Agenda’ रिपोर्ट के अनुसार, भारत तकनीकी टैलेंट, स्टार्टअप और डिजिटल विकास के कारण एआई से सर्वाधिक लाभ उठाने की स्थिति में है। एआई का उपयोग कृषि, स्वास्थ्य, सेवा क्षेत्र और उद्योगों में बढ़ रहा है, जिससे 2030 तक 33.8 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक वृद्धि संभव है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2025 में पेरिस में AI Action Summit के दौरान कहा कि एआई से नौकरियां खत्म नहीं होतीं, बल्कि उनका स्वरूप बदलता है। उन्होंने नए प्रकार की नौकरियों के लिए युवाओं को हाई-स्किल प्रशिक्षण देने की आवश्यकता पर बल दिया।

सैम ऑल्टमैन (OpenAI), सुंदर पिचाई (Google), और सत्य नडेला (Microsoft) सभी ने भारत की एआई में नेतृत्व की संभावना को उजागर किया है।

भारत की युवा पीढ़ी ग्लोबल AI कंपनियों में नेतृत्व कर रही है और सेवा निर्यात के माध्यम से बड़ी विदेशी मुद्रा अर्जित कर रही है। बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत में नए Global Capability Centers (GCCs) स्थापित कर रही हैं, जिससे एआई नौकरियों के अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं।

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की रिपोर्ट ‘Jobs of the Future’ के अनुसार, 2030 तक 17 करोड़ नई एआई नौकरियां पैदा होंगी, जबकि 9.2 करोड़ पारंपरिक नौकरियां खत्म होंगी, जिससे 7.8 करोड़ शुद्ध नई नौकरियां जुड़ेंगी।

AI, मशीन लर्निंग, साइबर सिक्योरिटी, और बिग डेटा जैसे क्षेत्रों में नौकरियों की मांग तेजी से बढ़ेगी। भारत सरकार 2025-26 के बजट में तीन नई AI स्किल डेवेलपमेंट स्कीम्स पर काम कर रही है।

भारत को अब तेजी से अपना खुद का जेनरेटिव एआई मॉडल विकसित करना होगा। कंप्यूटर साइंस, डेटा साइंस, मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे विषयों में अधिक इंजीनियर तैयार करना जरूरी है ताकि एआई आधारित जॉब मार्केट की मांग पूरी की जा सके।

उम्मीद है कि भारत सरकार देश की युवा आबादी को एआई स्किल्स से लैस करने के मिशन पर तेज़ी से आगे बढ़ेगी और भारत को 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में नई पीढ़ी निर्णायक भूमिका निभाएगी।




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