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मध्यप्रदेश राज्य सेवा तथा अन्य विभागों के इंटरव्यू की सफल तैयारी के लिए-डॉ. जयंतीलाल भंडारी का विशेष मार्गदर्शन


यूपीएससी, राज्य सिविल सेवा, सहायक संचालक तकनीक, उपसंचालक, सहायक संचालक औद्योगिक स्वास्थ्य व सुरक्षा भर्ती, खाद्य विश्लेषक, औषधी विश्लेषक, सहायक प्राध्यापक, प्राचार्य तथा अन्य नियुक्ति के लिए साक्षात्कार में सफलता के सूत्र- डॉ. जयंतीलाल भंडारी के द्वारा यकीनन किसी भी साक्षात्कार (इंटरव्यू) की तैयारी यदि रणनीतिकपूर्वक की जाए तो साक्षात्कार में सफलता अवश्य मिलती है। चाहे संघ लोक सेवा आयोग के इंटरव्यू हो, राज्य सिविल सेवा परीक्षा के साक्षात्कार हो, सहायक संचालक तकनीक, उपसंचालक, सहायक संचालक औद्योगिक स्वास्थ्य व सुरक्षा भर्ती, खाद्य विश्लेषक, औषधी विश्लेषक, सहायक प्राध्यापक, प्राचार्य तथा अन्य किसी भी विभाग में नियुक्ति के लिए साक्षात्कार में जाना हो, ऐसे में आपको साक्षात्कार की तैयारी में रणनीतिकपूर्वक परिश्रम करना होगा । यदि आपके मस्तिष्क के किसी कोने में यह भ्रम हो कि अब साक्षात्कार में चयन पैसे व परिचय से होंगे तो इस भ्रम को निकाल दीजिए । चयन आपकी साक्षात्कार तैयारी व अच्छे से अच्छे प्रस्तुतीकरण पर ही निर्भर है । यहाँ आपकी सफलता के लिए प्रतियोगिता परीक्षाओं के इंटरव्यू की सफल तैयारी के लिए ख्याति प्राप्त करियर मार्गदर्शक डॉ. जयंतीलाल भंडारी के द्वारा इंटरव्यू की तैयारी संबंधी सूत्र दिए जा रहे हैं। मार्गदर्शन वे निर्देशन में इस इंटरव्यू फाइल को तैयार किया गया है ।

1. व्यक्तिगत प्रश्न- सबसे पहले आप अपने से संबंधित व्यक्तिगत प्रश्न तैयार कीजिए । जैसे अभी आप क्या कर रहे है ? कहाँ रहते हैं ? पालक क्या करते हैं ? आप राज्य सेवा में ही क्यों आना चाहते हैं ? आप अपने वर्तमान रोजगार को क्यों छोड़ना चाहते हैं ?

2. आप जिस परीक्षा पद के लिए साक्षात्कार के लिए आमंत्रित हैं उसकी लिखित परीक्षा के पाठ्यक्रम का उपयोगी संक्षेप तैयार कीजिए ।

3. स्नातक व स्नातकोत्तर डिग्री के विषय- आपने स्नातक व स्नोतकोत्तर डिग्री में जो विषय पढ़े हो उन्हें विशेष रूप से तैयार कीजिए ।

4. भूगोल- भारत व मध्यप्रदेश का भूगोल तैयार कीजिए । सारे प्रदेशों व केंद्र शासित क्षेत्रों के नाम याद कीजिए ।

5. संविधान- भारतीय संविधान से संबंधित मूल बातें और प्रमुख संविधान संशोधन याद कीजिए ।

6. कुछ सामान्य प्रश्न- कुछ ऐसे प्रमुख प्रश्न हैं, जिन्हें पिछले कुछ वर्षों से लगभग सभी प्रत्याशियों से किसी न किसी रूप में पूछा जा रहा है । ये इस प्रकार हो सकते हैं- वर्ष 2024 की प्रमुख राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाएं, ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से दुनिया पर पड़ने वाला प्रभाव, दुनिया में परमाणु युद्ध की नई चुनौती, जी-20 और भारत,यूक्रेन-रूस युद्ध, इजराइल- ईरान संघर्ष, वैश्विक भू राजनीतिक संकट, भारत की दुनिया में बढ़ती अहमियत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल की उपलब्धि, बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन और भारत की चुनौतियाँ, 370 हटने के बाद नया कश्मीर,देश के किन राज्यों में भाजपा और किन राज्यों में कांग्रेस की सरकारें है। वित्त आयोग, नीति आयोग, राष्ट्रीय उद्यान, अभ्यारण्य, सार्क, आतंकवाद, भारत की प्राकृतिक पृष्ठभूमि, भारत की प्रमुख नदियाँ, भारत की राष्ट्रीय एकता को चुनौतियाँ, पर्यावरण, भ्रष्टाचार के कारण व सरकारी प्रयत्न, परमाणु परीक्षण, यूरेनियम, कालाधन, अबूझमाड़, भित्ति चित्र, प्रदेशों के मुख्यमंत्री, प्रदेशों के राज्यपाल, मध्यप्रदेश की प्रमुख फसलें व उनके क्षेत्र, मध्यप्रदेश के प्रमुख पर्यटन केंद्र, खजुराहो, मांडव, सांची आदि ।

साक्षात्कार

संघ लोक सेवा आयोग एवं राज्य सेवा की परीक्षा प्रक्रिया तथा किसी अन्य भर्ती के लिए अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण भाग है- साक्षात्कार परीक्षा, इससे अभ्यर्थी की प्रशासनिक योग्यता, उसके व्यक्तित्व और नेतृत्व के गुणों की जाँच की जाती है । इसके दो भाग होते हैं : पहला व्यक्तित्व की परीक्षा से संबंधित है और दूसरा अभ्यर्थी की बौद्धिक क्षमता और कुशलता से संबंधित । कोई भी व्यक्ति जन्म से योग्य और प्रतिभाशाली नहीं होता, बल्कि जीवन के विभिन्न चरणों में वह इसका विकास करता है । उसका परिवार और शैक्षणिक संस्थान उसके व्यक्तित्व को संवारने में भूमिका निभाते हैं, लेकिन इस परीक्षा में सभी का योगदान एक तरफ कर अभ्यर्थी से उसकी अपनी मौलिकता की अपेक्षा की 3 जाती है । इसके लिए अभ्यर्थी को शांत और स्थिर रहना; सामान्य ज्ञान और वैकल्पिक अध्ययन की समझना: प्रत्यक्ष, तर्कसंगत और सटीक रूप से अपने उत्तरों को प्रस्तुत करना, अपना आशावाद और जोश दिखाना बेहद जरूरी है । कोठारी समिति ने अपनी रिपोर्ट में साक्षात्कार के गुण बताते हुए कहा है, ``अभिव्यक्ति की सरलता अपने पक्ष को प्रभावशाली ढंग से रखने की क्षमता, तर्कशीलता, एक बात के विभिन्न पहलुओं को समझने की योग्यता, समसामयिक घटनाओं के प्रति जागरूकता, जिज्ञासा और अपने व्यक्तित्व का रखरखाव साक्षात्कार के बेहद महत्वपूर्ण गुण है ।

अभ्यर्थी की मानसिक योग्यता का क्या स्तर होना चाहिए ? क्या वह तर्कशक्ति और प्रभावशाली सोच रखता है ? क्या वह अपने लिए सोच सकता है ? क्या वह समस्या की जड़ तक तेजी से पहुँचने में सक्षम है ? क्या उसको विषय की गहराई की समझ है ? साक्षात्कार के 2० या 25 मिनटों में अभ्यर्थी से जुड़ी इन्हीं सब बातों की परीक्षा ली जाती है । बोर्ड बड़े ही व्यवस्थित तरीके से अपना कार्य शुरू करता है । उसके लिए अभ्यर्थी को उसके असली रूप में जानना बहुत आवश्यक है । अत: इसका निर्धारण करने के लिए वे सूक्ष्म मार्गों का प्रयोग करते हैं । अभ्यर्थी की क्षमता की सही-सही जाँच करने के लिए वे बड़ा ही शांत और सौम्य तरीका अपनाते हैं । पी.एस.सी./यू.पी.एस.सी. के साक्षात्कार की तकनीक किसी सख्त क्रॉस-परीक्षा पर आधारित नहीं होती, बल्कि इसके द्वारा बड़े ही स्वाभाविक एवं मैत्रीपूर्ण माहौल में अभ्यर्थी की मानसिक क्षमता की परख की जाती है ।

बोर्ड के सामने सच और केवल सच बोलिए, सच बोलेंगे तो न तो आप बोर्ड के जाल में फंस पाएँगे और न ही कोई नकारात्मक प्रभाव छोड़ेंगे । वैसे साक्षाकार में आपसे `हाँ' या `नहीं' में उत्तर नहीं माँगा जाता, बल्कि मांगी जाती है आपकी प्रतिक्रिया । जिस क्षेत्र का अच्छा ज्ञान नहीं रखते उस पर ईमानदारी से अपनी सीमाएँ बता दीजिए, बोर्ड उन क्षेत्रों को महत्व देता है, जिनमें उन्हें आपकी योग्यता का सही-सही अंदाजा हो जाए । उत्तर देने में जल्दबाजी मत कीजिए । प्रश्न को ध्यान से सुनिए और समझिए कि बोर्ड आपसे क्या पूछना चाहता है । वर्गीकृत वक्तव्य देने की बजाय वर्तमान घटनाओं पर अपने सशक्त विचार रखिए, `जहाँ तक मैं जानता हूँ, `मेरे निजी विचार में, `जैसा कि मैंने पढ़ा है

जैसी अभिव्यक्तियों से अपनी बात शुरू कीजिए, यदि आपको लगे कि आप इस पर विस्तार से बोल सकते हैं, तो इसे विभिन्न खंडों में बाँट दीजिए और एक- एक कर उसे व्यक्त कीजिए ।

जितना संभव हो, शांत और स्थिर बने रहें । प्रश्न का उत्तर न मालूम हो, तो भी घबराइए नहीं और मुस्कराहट बिखेरते रहिए, आपके चेहरे की अभिव्यक्तियाँ साक्षात्कार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, लेकिन जिसका उत्तर आसानी से दे सकते हैं, उसमें जल्दबाजी दिखाना भी ठीक नहीं है । उत्तर देने से पहले अपने आपको तीन या चार सेकेंड दीजिए ।

बोर्ड द्वारा निम्नलिखित क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जा सकती है- 1. आपके उपनाम सहित आवेदन पत्र में दी गई समस्त जानकारी । 2. समसामयिक, विशेषकर राष्ट्रीय और लोकहित से जुड़े मु । 3. अपने राज्य और जिले का अच्छा ज्ञान । 4. वर्तमान मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करते हुए आप अभी तक अध्ययन की गई बातों को कितना इस्तेमाल में लाते हैं । 5. आपने अभी तक जो कुछ भी पढ़ा है, उनमें से भी प्रश्न पूछे जा सकते हैं । अत: उन्हें भी अच्छी तरह से तैयार रखिए ।

बोर्ड से घनिष्ठता बनाए रखना बेहद जरूरी है । बोर्ड या उसके किसी सदस्य के विचारों पर अविश्वास प्रकट मत कीजिए, एक बात हमेशा याद रखिए कि बोर्ड का आपसे कहीं ज्यादा ज्ञान है । जब उनका प्रश्न सुनें, तो थोड़ा आगे की तरफ झुक जाएँ और जब अपना उत्तर शुरू करें, तो पीठ एकदम सीधी कर लें । बोर्ड आपको हमेशा विश्वास से भरा देखना चाहता है । अत: उनकी नीति को समझें और उनके भरोसे को बनाए रखें । बोर्ड यह जानना चाहता है कि एक औपचारिक आधिकारिक साक्षात्कार में अपने पहनावे का खास ध्यान रखना बहुत जरूरी है । एक औपचारिक परिधान पहनिए, आपके व्यक्तित्व की सच्ची पहचान होती है । आपकी वेशभूषा । आपकी वेशभूषा से बोर्ड को मालूम चल जाएगा कि आपने साक्षात्कार को कितनी गंभीरता से लिया है । शांत मन और विश्वास भरे कदमों के साथ साक्षात्कार कक्ष में प्रवेश कीजिए, सदस्यों से अनुमति लेने के बाद बिना आवाज किए अपनी सीट पर बैठिए, अपने चेहरे पर मुसकान बनाए रखिए । बोलने से पहले थोड़ा सोचिए, तर्कशील 5 उत्तर दीजिए, बोर्ड के साथ बहस मत कीजिए और न ही अपना पक्ष बदलिए । अंत में विदा लेने से पूर्व बोर्ड का धन्यवाद करना मत भूलिए । अगर आपको लगता है कि आप बोर्ड के सदस्यों को प्रभावित करने में कामयाब रहे हैं और वे आपके रवैये से प्रसन्न हुए हैं, तो आपने मैदान मार लिया । बस, अब अपनी नई जिदंगी की शुरुआत के लिए तैयार हो जाइए ।

साक्षात्कार में सफलता के सूत्र

बढ़ती बेरोजगारी ने आज की नई पीढ़ी को प्रतियोगिता के द्वार पर खड़ा कर दिया है । इस द्वार के भीतर वही प्रवेश कर सकता हैं, जो प्रतियोगिता के हर पहलू पर खरा उतरेगा । परंतु बढ़ती बेरोजगारी ने प्रतियोगिता की और कठिन बना दिया हैं, क्योंकि पद एक होता है और उसके लिए सशक्त दावेदार कई होते हैं, पद के लिए एक-से-बढ़कर एक सुपात्र होते हैं । फलत: अतिविशिष्ट तथा सुपात्र का चयन ही संभव होता हैं । लेकिन लिखित परीक्षा के बाद साक्षात्कार के लिए प्रत्याशी सामने होते हैं, इसलिए साक्षात्कार बोर्ड की दृष्टि भी विशेष अतिविशिष्टता पर रहती है, इसलिए साक्षात्कार के समय प्रत्याशी को विशेष प्रकार की अतिविशिष्टता का ही परिचय देना होता है ।

दरअसल साक्षात्कार में सफल होना एक कला है । साक्षात्कार, प्रत्याशी की प्रतिभा एवं व्यक्तित्व की कसौटी है । प्रत्याशी क्या है, कितना गुण संपन्न है और कितना प्रतिभाशाली है यह साक्षात्कार के समय स्पष्ट हो जाता है ।

साक्षात्कार के दौरान अभ्यर्थी के लिए आवश्यक है कि वह साक्षात्कार समिति के समक्ष अपनी योग्यता, अनुभव, प्रतिभा एवं व्यक्तित्व का सर्वोत्तम प्रदर्शन करें ताकि साक्षात्कार मंडल अपनी संस्था के लिए उपयुक्त उम्मीदवार के चयन के प्रति प्रतिबद्ध रह कर एक निश्चित तथा निर्णायक पहलू तक पहुँच सके ।

साक्षात्कार के लिए प्रत्याशी को कुछ महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान देना आवश्यक होता है-

साक्षात्कार बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किए जाने वाले प्रमाण-पत्रों को इंटरव्यू की तिथि से कुछ दिनों पूर्व अवश्य एकत्रित कर लेवें ।

सभी प्रमाण-पत्रों को एक अच्छी फाईल में यथास्थान व्यवस्थित कर लें । अंक सूचियों को क्रम से जमाएँ अर्थात हायर सेकंडरी, स्नातक, स्नातकोत्तर आदि ।

सभी प्रमुख प्रमाण-पत्रों पर लेमिनेशन करवा लें तो बेहतर रहेगा ।

आवेदन-पत्र के प्रत्येक कॉलम की पूर्ति सावधानीपूर्वक करें । यदि कोई कॉलम समक्ष में नहीं आ रहा हो तो मन से ही कुछ भी नहीं भर देवें, अपितु किसी से पूछकर ठीक से भरें ।

इंटरव्यू वाली तिथि के पहले की रात को पर्याप्त नींद लें । इससे दूसरे दिन आप तनाव मुक्त रहेंगे ।

इंटरव्यू के लिए जाते समय पद के अनुरूप वस्त्र पहनें । ऐसा नहीं कि क्लर्क वर्ग के लिए इंटरव्यू देने जा रहे हैं तो कोट-पेंट पहन लिया और टाई लगा ली । बेमेल पहनावा नितांत प्रतिकूल असर डालता हैं, साफ, प्र्रेस किए हुए कपड़े पहनें ।

यदि इंटरव्यू देने किसी दूसरे शहर या राज्य में जाना है तो इंटरव्यू की तिथि से कम से कम दो दिन पूर्व वहाँ पहुँच जाना चाहिए । इससे वहाँ की जलवायु आदि को समझने का समय मिल जाएगा । अपरिचित जगह होने का भय भी समाप्त हो जाएगा । आकस्मिक दुर्घटनाओं की संभावनाएँ नहीं रहेगी । इंटरव्यू कक्ष में प्रवेश करते समय सबसे पहले आप अंदर प्रवेश करने की अनुमति इन शब्दों में मांगे- सर, क्या मैं अंदर आ सकता हूँ ? कक्ष में कुछ कदम आगे बढ़कर इंटरव्यू बोर्ड के सदस्यों को देखते हुए कहिए- आप सभी को नमस्कार । यदि आपको कुर्सी पर बैठने के लिए कहा जाए तो धन्यवाद दीजिए । यदि न कहा जाए तो पूछिए, क्या मैं बैठ सकता हूँ ? और बैठने की अनुमति मिल जाने पर धन्यवाद जरूर दें ।

अभ्यर्थी की योग्यता एवं अनुभव सफलता के निश्चित तथा निर्णायक पहलू हैं, इसलिए आवेदन करते समय दी गई सारी सूचनाएँ सत्य होनी चाहिए । माँगें जाने पर प्रमाण भी प्रस्तुत किए जाने जरूरी हैं इसलिए इंटरव्यू के समय मूल प्रमाणपत्र फाइल में ले जाए जाने चाहिए ।

साक्षात्कार मंडल के समक्ष अपनी बात आत्मविश्वास, निर्भीकता एवं स्पष्ट रूप में रखी जानी चाहिए ।

पूछे गए प्रश्नों का उत्तर स्पष्ट एवं सटीक हां तथा विषय पर धाराप्रवाह लेकिन संतुलित रूप से होना जाना चाहिए । प्रत्येक प्रश्न का उत्तर निश्चित एवं अकाट्य होना चाहिए ।

कल्पना शक्ति, विनम्रता एवं शिष्टाचार का परिचय वार्तालाप में झलकना नितांत आवश्यक है ।

प्रतिनिधि मंडल के समक्ष किसी भी विवाद, प्रतिवाद या खंडन सेे बचना आवश्यक है ।

पूछे गए हर प्रश्न का उत्तर गोल-मटोल नहीं बल्कि स्पष्ट रूप से दिया जाना चाहिए ।

साक्षात्कार मंडल के समक्ष गिड़गिड़ाने की बजाय अभ्यर्थी का स्वयं के अस्तित्व एवं स्वाभिमान की रक्षा का गुण उसके लिए धनात्मक सिद्ध होता है । यदि योग्यता, अनुभव, उम्र एवं अभिव्यक्ति की साक्षात्कार में सफलता के लिए अनिवार्य माना जाए तो अभ्यर्थी की तैयारी, उत्साह, पद के कार्य की जानकारी एवं संस्था के प्रति सामान्य जानकारी को आवश्यक माना जा सकता हैं । यदि अभ्यर्थी का सामान्य ज्ञान, आत्मविश्वास एवं कल्पना शक्ति आदि साक्षात्कार समिति की चुनाव के लिए एक सीमा तक आवश्यक लगती है तो निश्चित ही प्रत्याशी की वेशभूषा, विचारों की संतुलित एवं स्पष्ट अभिव्यक्ति, विषय की प्रवीणता, विनम्रता एवं शिष्टाचार भी उसी सीमा तक चयन समिति को चयन हेतु आवश्यक लगेगें । साक्षात्कार में सफलता प्राप्त न करने का एक बहुत बड़ा कारण यह भी होता है कि प्रत्याशी स्वयं में ही गुमराह होता है । साक्षात्कार समिति के समक्ष सामान्य स्तर के अभ्यर्थियों के मन में निर्भीकता का अभाव होता है । कुछ लोग इसलिए भी असफल होते हैं क्योंकि वे ठीक तरह से आवश्यक तैयारी करके नहीं जाते है । इसलिए आज के प्रतियोगितावादी युग में आवश्यक हो गया है कि हम इस स्तर तक स्वयं को तैयार रखें कि इस परिस्थिति के बावजूद भी मेरा ही चुनाव हो । हमारे अंदर आत्मविश्वास होना चाहिए तथा हमारा दृष्टिकोण सदैव सकारात्मक होना चाहिए । साक्षात्कार में सफलता को निश्चित बनाया जा सकता है, बशर्ते कि आप साक्षात्कार की प्रकृति, क्षेत्र, तकनीक व अन्य आधारभूत बातों के अनुरूप साक्षात्कारकर्ता को संतुष्टि दे सकें । साक्षात्कार के उम्मीदवार को यह मालूम होना चाहिए कि साक्षात्कार मंडल उसमें क्या खोजने की कोशिका कर रहा है ? इस आधारभूत तथ्य पर ध्यान देकर जवाब दिए जाने वाले विचारों को एक निश्चित उद्देश्य पूर्ण श्रृंखला में संस्थापित करना चाहिए । एक श्रृंखला में जमे 8 विचार न सिर्फ उम्मीदवार के ही आत्मविश्वास में वृद्धि करते हैं, बल्कि साक्षात्कार का उद्देश्य उम्मीदवार की उस उपर्युक्तता की जाँच करना है, जिस पद अथवा कार्य के लिए उसने आवेदन किया है । इसलिए आपको उस पद अथवा कार्य की प्रकृति, क्षेत्र, दायित्व, कर्त्तव्य एवं अधिकार आदि सभी बिंदुओं पर अधिक से अधिक ध्यान देना चाहिए ।

मान लीजिए, आप प्रशासनिक सेवा के लिए लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं तो आपको मालूम होना चाहिए कि एक प्रशासनिक अधिकारी के क्या कर्त्तव्य होते हैं और उनके क्या अधिकार होते हैं क्या आप ईमानदारी से उस दायित्व को निभाने में सक्षम हैं तथा उस पद के योग्य हैं । वैसे अधिकांश रोजगार सूचनाओं में पद की प्रकृति, दायित्व तथा अधिकार इस प्रकार सभी ओर संकेत कर दिया जाता है । फिर भी उम्मीदवार ऐसे व्यक्तियों के संपर्क में आना चाहिए, जो उस तरह के पद पर पहले से कार्यरत हैं या कुछ ऐसे जो साक्षात्कार में तो सम्मिलित हुए हों लेकिन सफल न हो सके हों । दूसरों के साक्षात्कार के अनुभवों से आप अपनी सफलता को सुदृढ़ बना सकते हैं । वैसे भिन्न-भिन्न व्यक्तियों से प्रत्यक्ष मुलाकात में भी भिन्नता होती है । लेकिन महत्वपूर्ण बिंदुओं को नोट किया जा सकता है । बहरहाल, उक्त सभी बातों के अतिरिक्त अन्य कई तथ्य हैं, जो आपको एक सफल प्रतियोगी सिद्ध होने में बहुत मदद करेंगे ।

साक्षात्कार मंडल या साक्षात्कारकर्ताओं का कार्य होता है आपसे प्रश्न करके उत्तरों के माध्यम से आपके व्यक्तित्व की विशेषताओं को ज्ञात करना व उनका मूल्यांकन करना । साक्षात्कार के दौरान मंडल आपके उत्तर देने की शैली विचार, हाव भाव, घबराहट,निश्चिंतता, स्वभाव और योग्यता देखता है । यह भी कि उम्मीदवार अपने आपको कि सकुशलता, रोचकता, स्पष्टता, स्वाभाविकता, विश्वसनीयता और त्वरित अंदाज में पेश करता है । आपको अपने ख्याल और विचार व्यक्त करने से पहले उन्हें स्पष्ट, सुदृढ़ तथा प्रभावपूर्ण शैली के अनुरूप बनाना चाहिए । आपको यह बात अपने मन और मस्तिष्क से निकाल फेंकना चाहिए कि साक्षात्कार महज सवालों जवाबों का एक दौर है । इंटरव्यू में पूछे जाने वाले अधिकांश सवाल न तो स्कूल, कॉलेज व विश्वविद्यालयीन परीक्षाओं की प्रकृति के होते हैं और ना ही जवाबों के मूल्यांकन की पद्धति वैसी होती है 9 । आपको किसी सवाल का जवाब याद नहीं तो आप गलत जवाब मत दीजिए । निर्भीकता और विनम्रता से स्पष्ट कह दीजिए- श्रीमान मुझे इस सवाल का जवाब याद नहीं । याद रखिए, माइनस मार्किंग नहीं होगी, बल्कि आपकी निर्भीकता व स्पष्टवादिता से प्राप्तांकों में इजाफा हो सकता है । साक्षात्कार के दौरान साक्षात्कारकर्ता आपके विचार, आपकी टिप्पणी और ख्याल आदि में रुचि लेते हैं और यह उम्मीद करते हैं कि आप उन्हें उचित तथ्यों और सही आंकड़ों और उत्तरों से आश्वस्त कर देंगे । वे इस बात पर भी ध्यान देेते हैं कि आपसे विचार व्यक्त करने की श्रृंखला बराबर जमती हैं या नहीं । कहीं आप पहले बोलने वाला वाक्य बीच में या बाद में और अंत में बोलने वाला वाक्य प्रारंभ में तो नहीं बोल रहे हैं । जो आंकड़े आप बतला रहे हैं,वे गलत तो नहीं है । आप जो जवाब दें, वह एक निश्चित क्रम प्रवाह और सम्यक् सूत्र में बँधा हुआ हो । सवाल किस दृष्टि से पूछा जा रहा हैं । आशावादी या निराशावादी चिंतनीय दृष्टिकोण से अथवा व्यंग्यात्मक ढंग से । इन बातों का ध्यान रखना चाहिए । यदि इन बातों को ध्यान में रखकर हर सवाल का सावधानी से सही जवाब दिया गया, तो साक्षात्कार में आपकी सफलता में संदेह नहीं रह जाएगा । साक्षात्कार की विधिवत तैयारी कैसे करें ?

किसी भी साक्षात्कार के कुछ निर्धारित नियम होते हैं, जिनका अनुपालन करना होता हैं; जैसे- 1. साक्षात्कार आरंभ होने के पूर्व उम्मीदवारों /प्रत्याशियों के व्यक्गित विवरण (बायोडाटा) एवं अन्य कागजातों (शैक्षणिक प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाणपत्र, योग्यता प्रमाण पत्र आदि) की अधिकृत व्यक्ति/व्यक्तियों द्वारा जाँच करना । 2. संपूर्ण साक्षात्कार अवधि में तनाव रहित एवं प्रसन्न रहने का हर संभव प्रयत्न करना एवं पूछे गए प्रश्नों का धैर्य, साहस एवं सूझ-बूझ के साथ अपनी जानकारी के आधार पर सदैव सत्य उत्तर देना । 3. संपूर्ण साक्षातकार अवधि में चेहेर पर सौम्यता, बातचीत में शालीनता एवं व्यवहार में शिष्टता रखने का पूरा यत्न करना । 4. साक्षात्कार की समाप्ति पर अपने अंदर के संकोच, भय, कुंठा, निराशा आदि के भाव (यदि मन के अंदर कोई हो) को अपनी भाव-भंगिमा या व्यवहार से कभी भी प्रकट या परिलक्षित न होने देना, बल्कि पूरी तरह सामान्य रहते हुए 10 चेहरे पर मुस्कान व प्रसन्नता का भाव बनाए रखना तथा समिति के अध्यक्ष सहित सभी सदस्यों का अभिवादन कर साक्षात्कार कक्ष से बाहर आ जाना आदि।

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