युद्ध हुआ तो पाकिस्तान की टूट जाएगी आर्थिक कमर, भारत रहेगा स्थिर: मूडीज रिपोर्ट
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव गहराता जा रहा है। मूडीज की रिपोर्ट के अनुसार, अगर युद्ध जैसी स्थिति बनी तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ेगा, जबकि भारत की आर्थिक स्थिति स्थिर बनी रहेगी।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर
मूडीज के अनुसार, अगर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ता है, तो पाकिस्तान की आर्थिक वृद्धि दर प्रभावित होगी। उसकी राजकोषीय स्थिति और विदेशी मुद्रा भंडार पर भारी दबाव बनेगा। पाकिस्तान अभी IMF की मदद और विदेशी कर्ज से अपनी अर्थव्यवस्था को संभाल रहा है, लेकिन तनाव इसे अस्थिर कर सकता है।
भारत की अर्थव्यवस्था पर सीमित असर
भारत के पाकिस्तान के साथ आर्थिक संबंध बहुत सीमित हैं। 2024 में पाकिस्तान भारत के कुल निर्यात में 0.5% से भी कम का हिस्सा रखता था। मूडीज ने स्पष्ट किया है कि भारत की आर्थिक गतिविधियां स्थिर बनी रहेंगी और व्यापारिक बाधा की संभावना बहुत कम है।
पहलगाम आतंकी हमला और बढ़ता तनाव
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी। भारत ने हमले में शामिल 5 आतंकियों की पहचान की है, जिनमें से 3 पाकिस्तानी नागरिक हैं। इसके बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही, जिससे तनाव और बढ़ गया है।
पाकिस्तान की विदेशी मुद्रा स्थिति पर संकट
मूडीज ने चेतावनी दी है कि अगर तनाव बढ़ा, तो पाकिस्तान की बाह्य वित्तपोषण तक पहुंच प्रभावित होगी। वर्तमान में उसका विदेशी मुद्रा भंडार सुधार पर है, लेकिन आगामी वर्षों के कर्ज भुगतान के लिए यह अपर्याप्त है।
आईएमएफ बैठक और संभावित जोखिम
आईएमएफ 9 मई को पाकिस्तान के साथ 1.3 अरब डॉलर के जलवायु परिवर्तन ऋण कार्यक्रम की समीक्षा करेगा। भारत इस फंडिंग पर पुनर्विचार की मांग कर सकता है, जिससे यह सहायता प्रभावित हो सकती है।
भारत की दीर्घकालिक रणनीतिक स्थिति
हालांकि भारत की आर्थिक वृद्धि दर मजबूत बनी रहेगी, लेकिन यदि तनाव लंबा खिंचता है, तो रक्षा खर्च बढ़ सकता है और इससे राजकोषीय संतुलन पर असर पड़ सकता है।
निष्कर्ष
मूडीज की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि युद्ध या सैन्य संघर्ष की स्थिति में पाकिस्तान को गहरा आर्थिक झटका लग सकता है, जबकि भारत स्थिर बना रह सकता है। हालांकि, लंबे समय में दोनों देशों की रणनीतिक प्राथमिकताओं पर असर पड़ सकता है।