28 मार्च को भारत ने यूरोपीय संघ से आयातित कुछ वस्तुओं पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मानदंडों के अंतर्गत जवाबी शुल्क लगाने का प्रस्ताव दिया है, क्योंकि दोनों पक्ष कुछ इस्पात उत्पादों पर यूरोपीय संघ के प्रतिबंधात्मक सुरक्षा उपायों पर आम सहमति तक पहुंचने में विफल रहे हैं।
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को 27 मार्च को भेजे गए पत्र में भारत ने कहा कि वह यूरोपीय संघ के व्यापार पर सुरक्षा समझौते के एक प्रावधान के तहत "काफी हद तक समतुल्य रियायतों या अन्य दायित्वों को निलंबित करने का अधिकार सुरक्षित रखता है।"
प्रस्ताव का प्रभाव
यूरोपीय संघ के इस कदम से भारत को 2023-2024 में 1.472 बिलियन डॉलर का वार्षिक व्यापार घाटा होगा, जिस पर शुल्क संग्रह (25 प्रतिशत शुल्क पर) 368 मिलियन डॉलर होगा।
संचार में कहा गया है, "इस उपाय से 18 जुलाई 2018 से भारत को 6.92 बिलियन डॉलर का संचयी व्यापार घाटा हुआ है, जिस पर शुल्क संग्रह 1.73 बिलियन डॉलर होगा।"