भारत-अमेरिका: अंतरिम व्यापार समझौते की संभावनाएं – डॉ. जयंतीलाल भंडारी


भारत-अमेरिका: अंतरिम व्यापार समझौते की संभावनाएं

– डॉ. जयंतीलाल भंडारी

वर्तमान में भारत और अमेरिका के बीच एक अंतरिम व्यापार समझौते की प्रक्रिया चल रही है। जून में व्यापार वार्ताओं का अंतिम चरण पूरा करना भारत के हित में है, खासकर डोनाल्ड ट्रंप की बदलती टैरिफ नीतियों को देखते हुए। ट्रंप ने जहां कुछ दिन पहले चीन पर भारी टैरिफ लगाए थे, वहीं 11 जून को अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध को समाप्त करने और व्यापार संबंध सामान्य करने हेतु समझौता किया।

अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हावर्ड लटनिक ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौता जून में पूरा हो सकता है। केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने भी कहा है कि व्यापार वार्ताएं सही दिशा में बढ़ रही हैं। साथ ही मैनहैटन अंतरराष्ट्रीय व्यापार अदालत ने ट्रंप द्वारा लगाए गए कई टैरिफों को अवैध घोषित किया है।

वर्तमान व्यापार वृद्धि को लेकर तीन बातें महत्वपूर्ण हैं:

  1. भारत-अमेरिका के बीच 25 जून 2025 तक अंतरिम व्यापार समझौते की घोषणा संभव है।
  2. भारत विदेशी कंपनियों के लिए सरकारी खरीद बाजार का एक हिस्सा खोलेगा, जिसमें अमेरिकी कंपनियां भी शामिल होंगी।
  3. भारत अब भी अमेरिकी कंपनियों के लिए एक लाभकारी बाजार बना हुआ है, और Apple जैसी कंपनियां भारत में विस्तार कर रही हैं।

पियूष गोयल और अमेरिकी वाणिज्य मंत्री के बीच वाशिंगटन में हुई बैठक में इस प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते की पहली चरण की समीक्षा हुई। अमेरिका ने 2 अप्रैल को भारतीय वस्तुओं पर 26% टैरिफ लगाया था, जिसे 9 जुलाई तक स्थगित रखा गया है। ऐसे में, 8 जुलाई से पहले कोई समझौता होना दोनों देशों के लिए लाभकारी हो सकता है।

भारत जहां अपने निर्यात को अमेरिका में ड्यूटी-फ्री बनाने के लिए तैयार है, वहीं अमेरिका चाहता है कि इलेक्ट्रिक वाहनों, वाइन, एथेनॉल और अन्य वस्तुओं पर भारत में टैरिफ कम किया जाए। भारत जीएम मुक्त कृषि उत्पादों को ही स्वीकार करेगा और डेयरी जैसे संवेदनशील उत्पाद शामिल नहीं होंगे।

अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसंट ने कहा कि भारत पहला देश है जिसके साथ अमेरिका का द्विपक्षीय व्यापार समझौता 31 दिसंबर 2025 तक आकार ले सकता है।

13 फरवरी को व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई बैठक में दोनों देशों ने 2030 तक 500 अरब डॉलर के व्यापार लक्ष्य पर सहमति जताई और तेल, गैस और रक्षा खरीद में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति बनी।

वित्त वर्ष 2024-25 में भारत लगातार चौथी बार अमेरिका का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बना रहा। कुल द्विपक्षीय व्यापार $131.84 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें भारत का निर्यात $86.51 अरब और आयात $45.33 अरब रहा। व्यापार अधिशेष $41.18 अरब डॉलर तक पहुंच गया।

हाल ही में ब्रिटेन के साथ हुआ भारत का एफटीए अब अमेरिका, यूरोपीय संघ, ओमान, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, इस्राइल और खाड़ी देशों जैसे अन्य प्रमुख देशों के लिए उदाहरण बन रहा है। अमेरिका के साथ संभावित समझौता 2030 तक 500 अरब डॉलर व्यापार लक्ष्य की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।




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