पुलिस कांस्टेबल और एसआई भर्ती परीक्षा में आंखें स्कैन कर ही मिलेगा प्रवेश
ईएसबी ने फर्जीवाड़ा रोकने के लिए तीन स्तरीय जांच प्रणाली तैयार की है, जिसमें अभ्यर्थियों की आंख की आइरिस स्कैनिंग, चेहरे का मिलान और फिंगर प्रिंट जांच शामिल है।
2023 की आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद इस बार परीक्षा को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए ये कदम उठाए गए हैं।
प्रमुख बिंदु:
- प्रवेश से पहले आइरिस स्कैन अनिवार्य
- चेहरे की पहचान तकनीक (Face Recognition) लागू
- फिंगरप्रिंट की जांच भी आवश्यक
- सीसीटीवी निगरानी और AI आधारित डाटा विश्लेषण
- पहले से फर्जीवाड़े में शामिल साल्वरों का डाटा सिस्टम में फीड किया गया
AI कैसे करेगा निगरानी?
AI सॉफ्टवेयर यह विश्लेषण करेगा कि एक अभ्यर्थी किस प्रश्न को कितनी देर में हल करता है। यदि कोई संदिग्ध पैटर्न सामने आता है तो उसे चिह्नित किया जाएगा।
2023 में हुआ था बड़ा फर्जीवाड़ा
कुछ अभ्यर्थियों ने आधार के बायोमेट्रिक डाटा में बदलाव कर साल्वर को परीक्षा में बैठाया और बाद में फिर डाटा अपडेट कर खुद को असली अभ्यर्थी के रूप में प्रस्तुत किया।
आइरिस स्कैन क्यों है सुरक्षित?
प्रत्येक व्यक्ति की आइरिस का पैटर्न बिल्कुल अलग और स्थायी होता है। अंगुलियों के निशान की तुलना में यह अधिक विश्वसनीय और सुरक्षित बायोमेट्रिक पहचान मानी जाती है।
भर्ती विवरण:
पद | रिक्तियां |
---|---|
पुलिस आरक्षक | 7,500 |
उप निरीक्षक (SI) | 500 |
क्लर्क | 500 |
तकनीकी व कंप्यूटर आरक्षक | 89 |
महत्वपूर्ण तिथियाँ:
- आवेदन की अंतिम तिथि: 29 सितंबर 2025
- परीक्षा प्रारंभ: 30 अक्टूबर 2025 से
- परीक्षा केंद्र: प्रदेश के 11 शहरों में