16 मार्च को इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र ने सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला (एससीएल), चंडीगढ़ के साथ मिलकर स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर विकसित किए हैं। इन माइक्रोप्रोसेसरों का नाम विक्रम 3201 और कल्पना 3201 रखा गया है। इनका उपयोग अंतरिक्ष संबंधी प्रयोगों के लिए किया जाएगा। 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर की मदद से प्रक्षेपण यानों के नेविगेशन और नियंत्रण में सहायता मिलती है। यह भारत में अपनी तरह का पहला प्रयास है, जो प्रक्षेपण वाहनों के नेविगेशन और नियंत्रण के लिए उच्च विश्वसनीयता वाले माइक्रोप्रोसेसरों और आनबोर्ड कंप्यूटरों के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी उपलब्धि है।
सुनीता विलियम्स की वापसी जल्द
नासा की अंतरिक्ष यात्री ऐनी मैकक्लेन और निकोल एयर्स, जापान के ताकुया ओनिशी और रूस के किरिल पेस्कोव स्पेस स्टेशन पहुँच गए हैं। इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स का स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन करीब 28 घंटे बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंचा है। 16 मार्च को भारतीय समयानुसार सुबह 9:40 बजे डॉकिंग हुई और 11:05 बजे हैच खोला गया। यह स्पेसक्राफ्ट 9 महीने से स्पेस स्टेशन में फंसी भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को पृथ्वी पर वापस लाएगा।
चार सदस्यीय क्रू-10 टीम ने 15 मार्च को स्पेसएक्स के फॉल्कन 9 रॉकेट से भारतीय समयानुसार सुबह करीब 4:30 बजे उड़ान भरी थी। केनेडी स्पेस सेंटर से इसे लॉन्च किया गया था। क्रू-10 के स्पेस स्टेशन पहुंचने के बाद अब वहां मौजूद क्रू-9 के एस्ट्रोनॉट निक हेग, अलेक्सांद्र गोरबुनोव के साथ सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में पृथ्वी पर लौटेंगे। ये चारों एस्ट्रोनॉट 19 मार्च को स्पेस स्टेशन से पृथ्वी पर लौट सकते हैं।