मध्य प्रदेश: स्व-सहायता समूह की महिलाएं वसूल रही हैं टोल टैक्स
26 मई को मध्य प्रदेश में तीन मार्गों पर महिला स्व-सहायता समूह को टोल टैक्स वसूलने की जिम्मेदारी दी गई। पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद अब यह योजना चार और मार्गों - नीमच-मानसा, नागदा-धार, गंजबासौदा-सिरोंज, और मोहनपुरा-बेहट - पर लागू की जाएगी।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में अनूठा कदम
राज्य सरकार के अनुसार, मध्य प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है जहां महिला स्व-सहायता समूह को टोल टैक्स वसूली का कार्य सौंपा गया है। जिन टोल प्लाजा का वार्षिक राजस्व ₹2 करोड़ से कम है, उन्हें यह जिम्मेदारी दी जा रही है।
इन महिलाओं को टोल से प्राप्त राजस्व का 30% कमीशन के रूप में दिया जाता है जबकि 70% राज्य राजमार्ग निधि में जमा किया जाता है।
लड़ाई-झगड़े हुए बंद
इन टोल नाकों पर केवल महिला स्टाफ तैनात हैं। उनकी सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। महिलाओं की तैनाती से टोल पर होने वाले विवाद और झगड़े लगभग खत्म हो गए हैं।
प्रशासन और अवसंरचना
प्रशासन की अनुमति से इन टोल प्लाजा का संचालन स्व-सहायता समूह को सौंपा जाता है। टोल प्लाजा पर कैनोपी, फास्टैग, और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं निगम द्वारा उपलब्ध कराई जाती हैं।
महिलाओं को मिल रहा आर्थिक बल
बीते एक वर्ष से महिलाएं तीन मार्गों पर टोल टैक्स वसूल रही हैं। इससे उन्हें आर्थिक आत्मनिर्भरता मिली है। अब इस पहल का विस्तार कर चार और मार्गों पर महिला स्व-सहायता समूह को यह जिम्मेदारी सौंपी जा रही है।