एक वर्ष में स्टार्टअप में 30 प्रतिशत की वृद्धि
एक वर्ष में स्टार्ट-अप में 30% और महिला स्टार्ट-अप में 34% की वृद्धि - नई स्टार्टअप नीति हुई लागू
19 मई को मध्यप्रदेश में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत मध्यप्रदेश स्टार्ट-अप सेंटर ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ दर्ज की हैं। स्टार्ट-अप्स की संख्या, महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों में वृद्धि और राज्य में नवाचार को प्रोत्साहन देने वाली विभिन्न पहलों के चलते पिछला वर्ष अत्यंत सफल रहा है।
स्टार्ट-अप्स में हुआ इज़ाफ़ा
पिछले एक वर्ष में राज्य में मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप्स की संख्या 4012 से बढ़कर 5230 हो गई, जिसमें 30% की वृद्धि हुई है। महिलाओं द्वारा संचालित स्टार्ट-अप्स में 34% की वृद्धि हुई है। इनकी संख्या 1864 से बढ़कर 2490 हो गई है। इससे यह स्पष्ट है कि महिला उद्यमिता को विशेष बल दिया जा रहा है। आज प्रदेश में स्टार्ट-अप्स की संख्या 5300 से अधिक हो चुकी है।
निवेश को मिली नई दिशा
पिछले वर्ष राज्य सरकार ने स्टार्ट-अप्स के लिए फंडिंग सुनिश्चित करने हेतु SEBI-अनुमोदित वैकल्पिक निवेश निधियों (AIFs) से साझेदारी की। 5 AIFs का चयन किया गया, जिनमें से 3: Silver Needle, Equanimity Ventures, Unicorn India Ventures Fund ने कुल ₹10.90 करोड़ का निवेश किया। सरकार ने ₹3.03 करोड़ का अंशदान किया।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में नीति का शुभारंभ
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा नई "मध्यप्रदेश स्टार्ट-अप नीति एवं क्रियान्वयन योजना 2025" का शुभारंभ किया गया। इसमें 2500+ स्टार्टअप्स ने भाग लिया। "फ्यूचर फ्रंटियर्स: स्टार्ट-अप पिचिंग सेशन" में 20 स्टार्टअप्स को निवेशकों के समक्ष पिच करने का अवसर मिला, जिसमें से 19 को रुचि पत्र प्राप्त हुए।
महिलाओं और कृषि स्टार्ट-अप्स को मिला मंच
13 अगस्त 2024 को "प्रदेश महिला उद्यमी सम्मेलन" का आयोजन हुआ जिसमें 40+ महिला स्टार्ट-अप्स ने भाग लिया। कृषि क्षेत्र के लिए GAP फंड के माध्यम से फंडिंग की सुविधा दी गई और कृषि आधारित स्टार्ट-अप्स को विभिन्न कार्यक्रमों में भागीदारी का अवसर प्रदान किया गया।
राज्यभर में हुआ स्टार्ट-अप जागरूकता का प्रसार
मध्यप्रदेश स्टार्ट-अप सेंटर ने पूरे वर्ष में 50+ कार्यक्रमों का आयोजन किया और भागीदारी निभाई। इसमें 20+ शैक्षणिक संस्थान, औद्योगिक संगठन, सरकारी विभाग और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन शामिल थे। साथ ही, रीजनल इंडस्ट्रीज़ कोंक्लेव और RAMP योजना के ज़रिए स्टार्टअप्स को जागरूक किया गया।
स्टार्टअप क्लीनिक, मार्गदर्शन सत्र और इनक्यूबेटर आउटरीच वर्कशॉप जैसे कार्यक्रमों ने प्रदेश में स्टार्टअप संस्कृति को मजबूत किया। MP स्टार्टअप सेंटर ने नवाचार, निवेश और सहभागिता को एक नई दिशा दी है।