35 वर्षों में आधी हुई प्रजनन दर, जनसंख्या वृद्धि की रफ्तार थमेगी
35 वर्षों में आधी हुई प्रति महिला बच्चों की प्रजनन दर; आबादी बढ़ने की रफ्तार थमेगी
मध्य प्रदेश अब उस मोड़ पर आ गया है, जहां से उसकी जनसंख्या वृद्धि की रफ्तार थमने लगेगी। राज्य की कुल प्रजनन दर (TFR) अब 2.0 हो चुकी है, जो कि रिप्लेसमेंट रेट 2.1 से भी कम है। इसका अर्थ है कि महिलाएं अब उतने बच्चे भी नहीं जन्म दे रही हैं, जिससे अगली पीढ़ी की आबादी बनी रह सके।
1990 में प्रति महिला औसत बच्चे 4.0 थे, जो अब घटकर 2.0 हो चुके हैं। यानी 35 सालों में यह दर आधी हो गई है। इससे संकेत मिलता है कि परिवार छोटे हो रहे हैं और जनसंख्या की रफ्तार धीमी हो रही है।
बुजुर्गों की संख्या बढ़ेगी - नीतिगत तैयारी जरूरी
- स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा: बुजुर्गों की संख्या बढ़ने से उनके लिए स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक सुरक्षा की आवश्यकता बढ़ेगी।
- युवाओं में निवेश: शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करनी होंगी, ताकि वे आर्थिक विकास में सहयोग कर सकें।
आलोक बाजपेई, नॉलेज हेड, पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया का सुझाव
- युवाओं पर ध्यान: अच्छी शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना आवश्यक है।
- बुजुर्गों के लिए योजना: जन्म दर कम होने के साथ ही बुजुर्गों की संख्या भी बढ़ेगी, जिसके लिए नीति निर्माण जरूरी है।
अब सवाल यह नहीं है कि जनसंख्या कितनी होगी, बल्कि यह है कि हम इस जनसंख्या को किस दिशा में ले जाएं।