35 वर्षों में आधी हुई प्रजनन दर, मध्यप्रदेश में थमेगी आबादी की रफ्तार
2011 में मध्यप्रदेश की आबादी 7.26 करोड़ थी, जो अब बढ़कर लगभग 9 करोड़ तक पहुंच गई है। राज्य में हर साल औसतन 14.49 लाख लोग जुड़ते हैं, जो ग्वालियर शहर की जनसंख्या के बराबर है।
यह वृद्धि राज्य की प्राकृतिक वृद्धि दर (जन्म और मृत्यु के अंतर) के आधार पर है, जो हर 1000 लोगों पर 16.1 है। 2013 में यह दर 14.4 थी और उस समय हर साल लगभग 10.8 लाख लोग आबादी में जुड़ते थे।
SRS रिपोर्ट 2022 के अनुसार
- औसत जन्म दर: 23.3‰ (ग्रामीण: 25.1‰, शहरी: 18.2‰)
- औसत मृत्यु दर: 7.1‰ (ग्रामीण: 7.5‰, शहरी: 6.2‰)
इन आंकड़ों के आधार पर प्रदेश की नेचुरल ग्रोथ रेट 16.1‰ है।
कोविड महामारी का प्रभाव
कोविड से पहले हर साल लगभग 14 से 15 लाख जन्म पंजीयन और 3.5 से 4.5 लाख मृत्यु पंजीयन होते थे। लेकिन कोविड काल में मृत्यु पंजीयन 7 लाख के पार चला गया, जो सामान्य से करीब 2 लाख अधिक था। इसके बाद जन्म पंजीयन में फिर बढ़ोतरी देखने को मिली जो 2024 तक जारी रही।
देश में मध्यप्रदेश की स्थिति
मध्यप्रदेश जनसंख्या के मामले में भारत का 5वां सबसे बड़ा राज्य है, जबकि क्षेत्रफल के हिसाब से यह राजस्थान के बाद दूसरा सबसे बड़ा राज्य है।