INS अर्णाला भारतीय नौसेना में शामिल
विशाखापत्तनम: भारत की तटीय सुरक्षा को मजबूत करते हुए, भारतीय नौसेना ने देश के पहले स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित पनडुब्बी रोधी उथले पानी के युद्धपोत INS अर्णाला को अपनी सेवा में शामिल कर लिया है।
निगरानी और बचाव कार्यों के लिए डिजाइन
यह युद्धपोत तटीय निगरानी, खोज और बचाव अभियानों के साथ-साथ कम तीव्रता वाले समुद्री अभियानों के लिए डिजाइन किया गया है।
ऐतिहासिक अर्णाला किले के नाम पर
इसका नाम महाराष्ट्र के वसई स्थित ऐतिहासिक अर्णाला किला के नाम पर रखा गया है। यह जहाज 77 मीटर लंबा और 1490 टन से अधिक वजनी है। यह डीजल इंजन और वॉटरजेट संयोजन द्वारा संचालित होने वाला सबसे बड़ा भारतीय नौसेना का युद्धपोत है।
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स द्वारा निर्माण
इस जहाज का निर्माण कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) ने किया है। इसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने शामिल होकर इसे सेवा में शामिल किया।
मंत्र: "अर्णवे शौर्यम" (महासागर में वीरता)
INS अर्णाला का आदर्श वाक्य "अर्णवे शौर्यम" है, जो इसके दल की वीरता और समर्पण को दर्शाता है।