नौ साल बाद खुली पदोन्नति की राह: एससी-एसटी के लिए 36% पद आरक्षित
मध्यप्रदेश के शासकीय कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। पिछले नौ वर्षों से बंद पड़ी पदोन्नति प्रक्रिया अब फिर से शुरू की जा रही है।
17 जून को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा तैयार नए पदोन्नति नियमों को मंजूरी दी गई।
- एससी-एसटी वर्ग के लिए पहले की तरह 36% पद आरक्षित रहेंगे।
- अनारक्षित पदों पर सभी वर्गों के अधिकारी-कर्मचारी पात्र होंगे।
- दो वर्षों में रिक्त हुए पदों के लिए डीपीसी की बैठक एक साथ की जाएगी।
2016 में जबलपुर हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002 को निरस्त कर दिया था। इसके बाद से ही यह प्रक्रिया रुकी हुई थी। इस दौरान लगभग एक लाख कर्मचारी बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हो गए।
पिछली सरकारों — शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ — ने नियम बनाने की कोशिश की लेकिन सहमति नहीं बन पाई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे लेकर विशेष दृढ़ता दिखाई और प्रक्रिया को आगे बढ़ाया।
मुख्य सचिव अनुराग जैन की देखरेख में सामान्य प्रशासन विभाग ने न्यायालयों के निर्देशों और पुराने सभी परिपत्रों का अध्ययन कर नए प्रारूप तैयार किए। साथ ही एससी-एसटी और सामान्य वर्ग के संगठनों से भी चर्चा की गई।
हालांकि सूत्रों के अनुसार, दोनों वर्गों के अधिकारी-कर्मचारी इन नियमों से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन वर्तमान में यही एक व्यावहारिक समाधान है जिससे पदोन्नति प्रक्रिया फिर से शुरू हो सकेगी।