मध्यप्रदेश में सिकल सेल एनीमिया और नए पदोन्नति नियम 2025
देश में सबसे अधिक सिकल सेल एनीमिया के मामले मध्यप्रदेश में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को समाप्त करने का लक्ष्य तय किया है। मध्यप्रदेश में सिकल सेल के सबसे ज्यादा मरीज हैं। हाल ही में राज्य में 1.3 करोड़ लोगों की जांच की गई, जिसमें 28,128 रोगी मिले। इनमें सबसे अधिक 3,662 रोगी बड़वानी जिले से हैं।
यह बीमारी मुख्य रूप से आदिवासी क्षेत्रों में देखने को मिलती है। यह रोग खून की कमी, जोड़ों में दर्द और बच्चों की मौत का कारण बन सकता है। जांच और जागरूकता की आवश्यकता है। यदि माता-पिता दोनों सिकल सेल वाहक हैं तो बच्चों को भी यह रोग होने की संभावना अधिक होती है। इंदौर के एमवाय अस्पताल में 1,400 पंजीकृत मरीजों को इलाज दिया जा रहा है। यहां भ्रूण स्तर पर जांच के लिए मालिक्यूलर लैब भी है।
पदोन्नति नियम 2025 लागू, डेढ़ साल में दो बार मिलेगी पदोन्नति
मध्यप्रदेश सरकार ने पदोन्नति नियम 2025 को कैबिनेट से मंजूरी दे दी है। जून 2025 में मंत्रालय स्तर पर कर्मचारियों को पदोन्नति मिलनी शुरू हो जाएगी। इसके लिए वरिष्ठता सूची बनाई जा रही है। सभी कर्मचारियों को लाभ मिलने की संभावना है।
नए नियम एक सप्ताह में अधिसूचित कर दिए जाएंगे। पहले आरक्षित वर्ग (SC 16%, ST 20%) को पदोन्नति दी जाएगी, फिर अनारक्षित वर्ग के कर्मचारियों को पदोन्नति मिलेगी। प्रथम श्रेणी के पदों पर योग्यता सह वरिष्ठता और अन्य पदों पर वरिष्ठता सह उपयुक्तता का फॉर्मूला लागू होगा।
प्रमोशन के लिए पदों की गणना संवर्ग के अनुसार होगी और सभी विभागों में इसे लागू किया जाएगा। पदोन्नति प्रक्रिया को समझाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।