एक नए अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है कि भारत में बाघों के विचरण वाले क्षेत्र में पिछले दो दशकों में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, दिल्ली के शोधकर्ताओं ने पाया कि बाघ अधिकतर अत्यधिक संरक्षित "मानव-मुक्त और शिकार की बेहतर उपलब्धता वाले" क्षेत्रों में पाए जाते हैं। हालांकि, ये मांसाहारी प्रजातियां कुछ ऐसे क्षेत्रों में भी पाई जाती हैं, जहां मानव रहते हैं, लेकिन ये क्षेत्र अक्सर गरीबी से प्रभावित होते हैं और वहां भूमि उपयोग में बदलाव बेहद कम होता है।
अब भारत में बाघों का क्षेत्र लगभग 1,38,200 वर्ग किलोमीटर है, जो कि विश्व में सबसे बड़ा है। शोधकर्ताओं ने बाघों के 3.8 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक निवास क्षेत्र का विश्लेषण किया। इस विश्लेषण में राष्ट्रीय स्तर के बाघ निगरानी आंकड़ों को भी शामिल किया गया।