ट्रंप टैरिफ पर अमेरिकी कोर्ट की रोक, संविधान से बाहर बताया


ट्रंप टैरिफ पर रोक, अमेरिकी कोर्ट ने कहा - यहाँ राष्ट्रपति की मनमर्जी नहीं चल सकती

29 मई को अमेरिकी फेडरल ट्रेड कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति को असंवैधानिक करार देते हुए उस पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि ट्रंप ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया और संविधान के दायरे से बाहर जाकर टैरिफ लगाने की कोशिश की।

कोर्ट के मुख्य बिंदु:

  • मैनहट्टन की फेडरल कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड ने ट्रंप के इस कदम को गैर-कानूनी बताया।
  • तीन जजों की बेंच ने कहा कि ट्रंप ने इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट (IEEPA) का गलत इस्तेमाल किया।
  • ट्रेड घाटा कोई अचानक उत्पन्न हुई आपात स्थिति नहीं है, इसे आधार बनाकर टैरिफ नहीं लगाए जा सकते।
  • संविधान के अनुसार, विदेशी व्यापार पर नियंत्रण का अधिकार संसद के पास है, न कि राष्ट्रपति के पास।

असर और समयसीमा:

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, इस फैसले को लागू होने में लगभग 10 दिन लग सकते हैं। इस दौरान ट्रंप प्रशासन को आवश्यक प्रशासनिक कदम उठाने होंगे।

यदि फैसला बरकरार रहा तो?

  • टैरिफ हट सकते हैं: चीन पर 30%, भारत पर 26%, कनाडा व मैक्सिको पर 25% और अन्य देशों पर 10% टैरिफ हट सकते हैं।
  • अप्रैल में टैरिफ से अमेरिका को रिकॉर्ड $16.5 बिलियन का राजस्व मिला था। यदि फैसला कायम रहा, तो यह स्रोत बंद हो सकता है।

ट्रंप के पास अब कितना अधिकार बचा?

ट्रंप के पास अब भी 1974 ट्रेड एक्ट के तहत सीमित टैरिफ लगाने का अधिकार है, लेकिन यह सिर्फ 15% तक और 150 दिन

फैसले की कानूनी पृष्ठभूमि:

  1. लिबर्टी जस्टिस सेंटर ने 5 छोटे व्यवसायों की ओर से मुकदमा दायर किया, जिन्हें टैरिफ से नुकसान हो रहा था।
  2. 12 अमेरिकी आयातकों ने भी याचिका दायर की थी, जिनका तर्क था कि आयातित सामान की लागत बढ़ रही है।

कोर्ट ने इन दलीलों को सही माना और कहा कि राष्ट्रपति के पास इतने व्यापक स्तर पर टैरिफ लगाने का संवैधानिक अधिकार नहीं है।

ट्रंप की प्रतिक्रिया:

ट्रंप प्रशासन ने इस फैसले के खिलाफ अपील की बात कही है। ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट पर कहा कि टैरिफ “अमेरिका को फिर से महान बनाने” के लिए जरूरी थे।

आगे क्या?

  • अपील का इंतजार: कोर्ट की अगली सुनवाई इस मामले की दिशा तय करेगी।
  • 90 दिन की राहत: पहले ही कुछ टैरिफ को 90 दिनों के लिए टाल दिया गया था, जिससे व्यापार समझौते किए जा सकें।
  • वैश्विक असर: WTO ने चेतावनी दी थी कि ट्रंप की नीति से वैश्विक व्यापार में 81% तक गिरावट आ सकती है। कोर्ट का फैसला इस जोखिम को कम करेगा।

चीन को क्यों छूट नहीं?

2 अप्रैल 2025 को ट्रंप ने ‘लिबरेशन डे’ का ऐलान करते हुए 100 से अधिक देशों से आयात पर नए टैरिफ लगाए थे। हालांकि बाद में चीन को छोड़कर बाकी देशों पर 90 दिनों के लिए राहत दी गई। चीन पर टैरिफ 145% तक बढ़ा दिए गए थे, जो बाद में कम कर दिए गए।




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