लोकसभा में वक्फ विधेयक चर्चा - 2025
लोकसभा में वक्फ विधेयक चर्चा - 2025
- वक्फ बोर्ड और गैर-मुस्लिम सदस्य: 2 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 पर चर्चा के दौरान 2013 में किए गए वक्फ कानून संशोधन को तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया। उन्होंने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर वक्फ बोर्ड और परिषद में केवल एक धर्म के लोगों की नियुक्ति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और कहा कि इससे देश को विभाजित करने की कोशिश की गई।
- संपत्ति के दुरुपयोग के आरोप: अमित शाह ने कहा कि वक्फ बोर्ड और परिषद का कार्य इन संपत्तियों को बेईमानी से हड़पने वाले लोगों को पकड़ना और उन्हें बाहर निकालना है। उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ की आमदनी लगातार गिर रही है क्योंकि संपत्तियों को अवैध रूप से सौ-सौ साल तक के लिए किराए पर दिया जा रहा है।
- 2013 में तुष्टिकरण के तहत किया गया संशोधन: शाह ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि 2014 के आम चुनावों से पहले, 2013 में वक्फ कानून को “एक्सट्रीम” बना दिया गया था। इसके चलते दिल्ली के लुटियन्स जोन की 123 वीवीआईपी संपत्तियां कांग्रेस सरकार ने चुनाव से 25 दिन पहले वक्फ को सौंप दी थीं। उन्होंने इसे तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया और कहा कि यदि 2013 में संशोधन नहीं किया जाता, तो आज इस नए विधेयक की जरूरत नहीं पड़ती।
- वक्फ और मुस्लिम संपत्तियों पर स्पष्टीकरण: अमित शाह ने विपक्षी सांसदों के इस आरोप को खारिज कर दिया कि यह विधेयक मुसलमानों की संपत्तियों को प्रभावित करेगा। उन्होंने कहा कि वक्फ परिषद और बोर्ड की स्थापना 1995 में हुई थी और इसका उद्देश्य धार्मिक कार्यों का संचालन नहीं, बल्कि दान की गई संपत्तियों का प्रशासन करना है।
- वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों का प्रवेश: अमित शाह ने कहा कि पहले के प्रावधानों के तहत वक्फ में कोई गैर-इस्लामिक सदस्य नहीं हो सकता था। उन्होंने बताया कि नया विधेयक वक्फ की संपत्तियों के सही प्रशासन पर केंद्रित है और इसमें धार्मिक हस्तक्षेप का कोई प्रावधान नहीं है।