आजकल कॉलेजों में प्रोफेशनल कोर्स में प्रवेश हेतु ग्रुप डिस्कशन होता है। कृपया मुझे बताएँ कि ग्रुप डिस्कशन में अच्छा प्रदर्शन कैसे किया जा सकता है ?

ग्रुप डिस्कशन (जीडी) परीक्षकों को अनेक उम्मीदवारों के व्यक्तित्व के गुणों को एक ही समय सीमा में परखने में समर्थ बनाता है। शैक्षणिक संस्थान प्रतिभावान, आत्मविश्वासी, दूरदर्शी उम्मीदवारों की तलाश करते हैं, जिनके पास बेहतरीन अभिव्यक्ति प्रतिभा, ध्यान से सुनने की प्रतिभा और अंतर व्यक्तिगत कौशल हो। ग्रुप डिस्कशन एक उम्मीदवार को अपनी स्वाभाविक नेतृत्व क्षमता को उभारने का अवसर प्रदान करता है। गौरतलब है कि ग्रुप डिस्कशन में जहाँ एक ही आयु समूह के उम्मीदवार होते हैं, समान प्रतिभा स्तर रखते हैं, एक मुद्दे पर अनौपचारिक रूप से चर्चा करते हैं। यह ग्रुप सामान्यतया 6 से 10 उम्मीदवारों का होता है, जो अपने विचारों को अभिव्यक्ति करने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र होते हैं। हमेशा यह ध्यान रखें कि ग्रुप डिस्कशन प्रतियोगिता के लिए नहीं है, यह तो स्वीकारात्मक सहयोग के लिए है। आपको यह अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि लिखित परीक्षा के विपरीत यह एक उन्मूलन परीक्षा है। इसका अर्थ यह है कि उम्मीदवारों के किसी एक ग्रुप से सभी अथवा कुछ का चयन हो सकता है या किसी का भी चयन नहीं। इसका अभिप्राय यह है कि आपको अपने समूह में किसी एक से ऊपर आने की कोशिश नहीं करना चाहिए। इसकी बजाए आपको दूसरों को प्रभावित करने वाले गुण विकसित करने और उनका विकास करने की कोशिश करनी चाहिए। आपको ग्रुप डिस्कशन में इस प्रकार प्रदर्शन करना चाहिए कि आप सबको साथ लेकर चलने में सक्षम हैं। आप आगे बताए जा रहे बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए ग्रुप डिस्कशन में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। ग्रुप डिस्कशन को लेकर उम्मीदवारों में एक आम धारणा यह होती है कि वे ज्यादा से ज्यादा जितना हो सके, उतना बोलें। हाँ, आप बोलें, परंतु एक ही समय में सभी कुछ नहीं, जैसा कि आमतौर पर ग्रुप डिस्कर्शन में होता है। ग्रुप डिस्कशन में हर कोई अपना प्रभाव जमाने के लिए एक ही समय में बोलने की कोशिश करता है। अर्थात सभी एक साथ बोलेंगे तो हो सकता है कि किसी का भी चयन न हो ऐसी स्थिति में आप शांत रहें, इससे परीक्षकों पर आपके धैर्य एवं संयम के गुणों का जबरजस्त प्रभाव पड़ेगा। ं एक महत्वपूर्ण मुद्दा सहमत होने अथवा असहमति को पहचानने का है। उत्तेजना के साथ चेहरे पर विनम्रता जरूरी है। किसी विषय पर विनम्रता छोडऩा और भावुक होना एकदम गलत है। इसका परीक्षकों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। धाराप्रवाह बोलना और सहमत करना एक ऐसी कला है, जो आपको आनी चाहिए। विषय की जानकारी एक बड़ी संपत्ति है। अगर आपको विषय की पूर्ण जानकारी नहीं होगी तो आपके लिए ग्रुप डिस्कशन में बोलना संभव नहीं होगा। इसलिए अपने सामान्य ज्ञान को आद्यतन रखें ताकि किसी भी विषय पर आप तथ्यों के साथ सारगर्भित बोल पाएँ। ं अभिव्यक्ति सुस्पष्ट होनी चाहिए, न तो चिल्लाना चाहिए न ही बुदबुदाना। अपने शब्दों का उच्चारण स्पष्टता से करना चाहिए। ं ग्रुप डिस्कशन के विषय पर आपका ²ष्टिकोण वस्तुनिष्ठ और उपयुक्त होना चाहिए। अपने तर्क और निष्कर्षों के लिए हमेशा प्रामाणिक और ठोस कारण देने चाहिए। ं अपने ग्रुप में अपना मजबूत और अनुकूल प्रभाव बनाएँ। ग्रुप डिस्कर्शन में अपना प्रभाव बनाने के लिए पहल करने की प्रतिभा, बुद्धिमता, धैर्य, सहनशीलता, भाषण में विशेषज्ञता का प्रदर्शन करना चाहिए। यदि आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तो ग्रुप डिस्कशन में आप प्रभावी प्रदर्शन कर पाएँगे।

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