एग्रीकल्चर इकोनॉमिस्ट के क्या कार्य होते हैं ? इस क्षेत्र में रोजगार की क्या संभावनाएँ हैं ?

हमारे देश की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। एग्रीकल्चर योजना का मुख्य लक्ष्य है- खाद्य सुरक्षा। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सिर्फ खाद्य वैज्ञानिकों की ही नहीं बल्कि एग्रीकल्चर इकोनॉमिस्ट की भी जरूरत होती है, जो अर्थशास्त्र के सिद्धांतों को लागू करें ताकि कृषि उत्पादन में बढ़ोत्तरी की जा सके। विदेशी निवेश व अर्थव्यवस्था की उदारता ने इस क्षेत्र में वृद्धि को बढ़ावा दिया है। नतीजन एग्रीकल्चर इकोनॉमिस्ट की माँग दिन- प्रतिदिन बढ़ रही है। भूमि उर्वरता निर्धारण, फसल की श्रेणी निर्धारण, मार्केटिंग और सेल्स के साथ ही फार्म मैनेजमेंट, को-ऑपरेटिव मैनेजमेंट, उपयोगिता व्यापार सेवा, थोक बिक्री और खुदरा बाजार के लिए मार्केटिंग रिसर्च हेतु कृषि इकोनॉमिस्ट की जरूरत होती है। कृषि मंत्रालय और इंडियन इकोनॉमिक्स सर्विस इस क्षेत्र में शिक्षण और रोजगार उपलब्ध करवाते हैं। साथ ही को-ऑपरेटिव, बैंकिंग और इंश्योरेंस सेक्टर, एग्रीकल्चर सेक्टर के प्रायवेट फार्म, विदेशी दूतावास, एनजीओ आदि में रोजगार के अवसर प्राप्त किए जा सकते हैं।

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