आज की भाग-दौड़ वाली जिंदगी में मोटर वाहन प्रत्येक व्यक्ति के लिए अनिवार्य आवश्यकता बन गए हैं। देश में न केवल स्वदेशी अपितु विदेशी ऑटोमोबाइल कंपनियों ने भी अपनी साख बनाए रखने के लिए अपने वाहनों में नए परिवर्तन, नए स्वरूप और पूरी गुणवत्ता के साथ मॉडल्स बाजार में लाँच किए हैं। इसके लिए वाहन निर्माता कंपनियों द्वारा अनुसंधान एवं विकास यानी रिसर्च एवं डेवलपमेंट यूनिट स्थापित की है। जाहिर है यह महत्वपूर्ण कार्य, क्षेत्र विशेष का जानकार व्यक्ति ही कर सकता है। ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग की इस शाखा का आधार ऑटोमोबाइल इंजीनियर होता है। अगर आपमें रचनात्मकता, हाई विजन, समर्पण की भावना है तो तय मानिए कि ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग का क्षेत्र आपको निश्चित रोजगार दिलाएगा। ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग के डिग्री पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु बारहवीं कक्षा गणित समूह से उत्तीर्ण होना आवश्यक है। जबकि 3 वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु दसवीं कक्षा गणित विषय के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इसके साथ ही प्रवेश परीक्षा (इंट्रेस टेस्ट) भी उत्तीर्ण करनी होती है। ऑटोमोबाइल उद्योग भले ही पुराना हो, मगर उससे जुड़ी नई-नई विधाएँ रोजगार के अपार अवसर प्रदान करती हैं। इसी प्रकार बड़े-बड़े कार निर्माता भी अपनी नई लांच की जाने वाली कार का बाह्यï आकार और आंतरिक सज्जा दोनों ही आकर्षक ढंग से कराते हैं, इसलिए वह ऐसे ऑटोमोबाइल इंजीनियर्स की तलाश में रहते हैं, जो क्रिएटिव हों। इस प्रकार कार निर्माता कंपनी योग्य ऑटोमोबाइल इंजीनियर्स को मुँहमाँगा वेतन देती हैं। इसके अलावा ऑटोमोबाइल इंजीनियर को बीमा कंपनी ऑटोमोबाइल सर्वेयर के बतौर भी अनुबंधित करती हैं। ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग का कोर्स कराने वाले प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं- कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, राजाराम नगर, साखराले, जिला सांगली, महाराष्ट्र। एम.एच. साबू सिद्धिक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, 8 शैफर्ड रोड, बाईकुल्ला, मुंबई । मलंद कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, हासन, कर्नाटक। पूसा पॉलीटेक्निक, पूसा कॉम्प्लेक्स, नई दिल्ली। गुरु तेग बहादुर पॉलीटेक्निक, वसंत विहार, नई दिल्ली।