ऑडिबल साइंस क्या है तथा इस क्षेत्र में कॅरियर के कौन-कौनसे अवसर उपलब्ध हैं ?

ऑडिबल साइंस व्यवसाय के तौर पर उन लोगों को नया जीवन देता है, जो सुनने और बोलने संबंधी समस्याओं से ग्रस्त होते हैं । गौर करने वाली बात यह है कि मेडिकल साइंस के विकास के साथ-साथ ऑडिबल साइंटिस्ट तथा वाक् चिकित्सकों की भूमिका को भी काफी बल मिला है । बुनियादी तौर पर ऑडिबल साइंटिस्ट का कार्य बोलने और सुनने वाली त्रुटियों का निदान करना है । इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले युवा स्नातक स्तर तक के पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं । इसके लिए कक्षा बारहवीं तक विज्ञान विषयों का होना जरूरी है । आप सेंटर ऑफ रिहैबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा संचालित दो पाठ्यक्रमों को कर सकते हैं । बैचलर ऑफ आइडियोलॉजी इन स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी तथा मास्टर ऑफ आइडियोलॉजी स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी । दूरस्थ शिक्षा के द्वारा भी छात्र शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं । इस पाठ्यक्रम को करने के बाद रोजगार के प्रचुर अवसर विद्यमान हैं । इस क्षेत्र से जुड़े लोग अपना प्राइवेट क्लीनिक खोल सकते हैं, अस्पतालों एवं पुनर्वास केंद्रों में नौकरी कर सकते हैं,सेना के अस्पतालों में भी ऑडिबल विशेषज्ञों की भर्ती की जाती है । कंसल्टेंट, हियरिंग उपकरण बनाने वाली संस्थाओं तथा मूक बधिर स्कूल में शिक्षक के रूप में भी नियुक्त हो सकते हैं । यह पाठ्यक्रम निम्न संस्थानों में उपलब्ध है- इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग, बैंगलौर, बी.वाई.एल. नैयर चैरिटेबल अस्पताल, मुंबई, गुजरात विश्वविद्यालय, गुजरात, उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद, मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग, मंगलौर, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली ।

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