वर्तमान समय में अधिकांश व्यावसायिक संगठन जटिल समस्याओं को समझने और उनके समाधान के लिए ऑपरेशनल रिसर्च का सहारा लेते हैं । इसे एक मैनेजमेंट टूल की तरह प्रयोग किया जाता है । ऑपरेशनल रिसर्चर का काम सूचनाओं को प्रभावी तरीके से इकट्ठा करना, संकट की घड़ी में सूझबूझ से निर्णय लेना और संगठन के लिए लंबी और छोटी अवधि की योजनाएँ बनाना होता है । ट्रांसपोर्ट एंड ट्रेवल, रिटेलिंग, फाइनेंशियल सर्र्विस, सरकार, रिसर्च संस्थान, सेना, मार्केटिंग, मीडिया प्लानिंग, कंसलटेंसी, इलेक्ट्रिसिटी, टेलीकम्युनिकेशन और माइनिंग ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ ऑपरेशनल रिसर्च को करने की जरूरत पड़ती है । ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट लेवल पर कई विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट इस कोर्स को कराते हैं । इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय नई दिल्ली और कोटा ओपन विश्वविद्यालय द्वारा पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर डिप्लोमा इन ऑपरेशनल मैनेजमेंट का कोर्स कराया जाता है । यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली में डिपार्टमेंट ऑफ ऑपरेशनल रिसर्च द्वारा इस विषय में एम.एससी. से लेकर पी.एचडी. तक करवाई जाती है ।