वर्तमान समय में कम्प्यूटर से मनोरंजन और खेल भी अछूते नहीं रहे हैं। कम्प्यूटर प्रोफेशनल्स और छात्रों को छोड़ दिया जाए तो कम्प्यूटर का सबसे अधिक प्रयोग गेम खेलने में ही होता है। जिस प्रकार कम्प्यूटर गेम्स की लोकप्रियता बढ़ रही है, उसी रफ्तार से यह उद्योग भी फल-फूल रहा है और तरह-तरह के कम्प्यूटर गेम विकसित हो रहे हैं। यही वजह है कि इस क्षेत्र में प्रोफेशनल्स की माँग बढ़ रही है। गेमिंग कम्प्यूटर एनीमेशन क्षेत्र की नवीनतम शाखा है। इस क्षेत्र में कदम रखने से पहले गेमिंग के बारे में जानकारी लेना अत्यंत आवश्यक है। रचनात्मक अभिरुचि के अलावा कम्प्यूटर गेम खेलने का शौक भी होना चाहिए। इससे संबंधित सभी संस्थानों में प्रवेश लेने के लिए स्नातक होना जरूरी है। इसके लिए अधिकांश संस्थानों में एक वर्षीय कोर्स उपलब्ध है। वर्तमान में भारतीय गेमिंग उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार विभिन्न कंपनियों को लगभग बीस हजार गेमिंग प्रोफेशनल्स की जरूरत है। इस क्षेत्र में लगभग 30 से 75 हजार रुपए की प्रतिमाह कमाई आसानी से हो सकती है। इसके अतिरिक्त स्वयं ही गेम बनाकर भी अपनी मार्केट वैल्यू बढ़ाई जा सकती है। आप इंडस्ट्री में गेम ऑनर, गेम प्रोग्रामर, गेम डेवलपर आदि के रूप में काम कर सकते हैं। कम्प्यूटर गेमिंग का कोर्स कराने वाले प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, पाल्दी, अहमदाबाद। माया एकेडमी ऑफ एडवांस सिनेमेटिक्स, ई-19, साउथ एक्सटेंशन-1, नई दिल्ली। सेंटर फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी ऑफ इंडिया, मोहाली, चंडीगढ़। फॉरच्यून इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशंस, जी-17, डी साउथ एक्सटेंशन, पार्ट-1, नई दिल्ली।