जूते चप्पल आदि के उत्पादन में भारत चीन के बाद दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है । भारत के जूता उद्योग में बहुत बड़ा हिस्सा बिना ब्रांड वाले जूते बनाने वाली कंपनियों का है । भारतीय जूता उद्योग देश के चमड़ा उद्योग का महत्वपूर्ण घटक है जो कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार की वस्तु के रूप में सबसे महत्वपूर्ण वस्तुओं में से एक है । भारत सरकार ने 1963 में आगरा में केंद्रीय फुटवियर प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की थी ताकि जूता उद्योग के लिए तकनीकी दृष्टि से अच्छी जानकारी वाले युवाकर्मी उपलब्ध कराने के साथ-साथ इस उद्योग में काम कर रहे लोगों के ज्ञान और कौशल में वृद्धि की जा सके । जूतों के डिजाइन और विकास में लंबे समय से महसूस की जा रही कमी 1986 में भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के अधीन नोएडा में फुटवियर डिजाइन और विकास संस्थान की स्थापना से पूरी हो गई । इस संस्थान में उपलब्ध पाठ्यक्रम अंतरराष्ट्रीय स्तर के हैं । संस्थान में प्रवेश हेतु प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है । फुटवियर डिजाइन और विकास संस्थान से स्नातकोत्तर डिप्लोमा करके निकले विद्यार्थियों को जूतों की खरीद-फरोख्त करने वाली अंतरराष्ट्रीय कंपनियों और निर्यात घरानों के उत्पादन और उत्पाद विकास विभाग, नियोजन, खरीद, बिक्री और विपणन विभाग में काम मिलता है । रीबॉक, एडिडास, नाइक, बाटा, टाटा, लिबर्टी जैसी कई बड़ी कंपनियों में जूता निर्माण विशेषज्ञों के लिए रोजगार के प्रचुर अवसर उपलब्ध हैं ।