कैमिकल इंजीनियरिंग का कोर्स करने के उपरांत सबसे ज्यादा नियुक्तियाँ कैमिकल प्रोसेसिंग, मैन्युफैक्चरिंग, प्रिंटिंग, फूड तथा दुग्ध इंडस्ट्री में होती हैं। इसके अलावा प्रोफेशनल्स मिनरल इंडस्ट्री, पेट्रोकेमिकल प्लांट्स, फार्मास्युटिकल, सिंथेटिक फाइबर्स, पेट्रोलियम रिफाइनिंग प्लांट्स, डाई, पेंट, वार्निश, औषधि निर्माण, पेट्रोलियम, टेक्सटाइल, डेयरी, प्लास्टिक उद्योग आदि क्षेत्रों में रोजगार पा सकते हैं। कैमिकल इंजीनियरिंग का कोर्स करने के बाद जो पद प्राप्त होते हैं, वे हैं-सुपरवाइजर या मैनेजर, टेक्निकल स्पेशलिस्ट, प्रोजेक्ट मैनेजर, प्रोजेक्ट इंजीनियर, कैमिकल इंजीनियर, कैमिकल डेवलपमेंट इंजीनियर, क्वालिटी कंट्रोलर, लेबोरेटरी असिस्टेंट आदि। शोध में रुचि रखने वाले रिसर्च इंजीनियरिंग का विभाग संभालते हैं। कुछ विशेषज्ञ विपणन तथा प्रबंधन का काम देखते हैं। निजी तथा सरकारी संस्थानों में कैमिकल इंजीनियरिंग से संबंधित रोजगार की भरमार है। एक कैमिकल इंजीनियर को प्रयोगशाला जैसे सरकारी प्रयोगशाला, उद्योग, शोध संघ, निजी परामर्श केंद्र, विश्वविद्यालय शोध दल में भी तरह-तरह के कार्य एवं अनुसंधान करने पड़ते हैं। इसके अतिरिक्त वे अन्य कई मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज में विश्लेषण, निर्माण संबंधी कार्य देखते हैं। कार्य, अनुभव, योग्यता तथा पद को देखते हुए प्राइवेट सेक्टर में उच्च वेतन दिया जाता है। फ्रेशर्स को प्रारंभ में 20000 से लेकर 30000 रुपए प्रतिमाह प्राप्त होते हैं। कॉलेज के लेक्चरर को प्रारंभिक वेतन 50,000 से 80,000 रुपए प्रतिमाह प्रदान किया जाता है। एक इंजीनियर को सरकारी संस्थानों द्वारा 40,000-60,000 रुपए मासिक एवं सरकारी आवास तथा अन्य सुविधाएँ प्राप्त होती हैं।