चूंकि विज्ञान संचार वैज्ञानिक दृष्टिकोण के प्रचार-प्रसार से संबंधित है इसलिए विज्ञान के उन छात्रों के लिए विज्ञान संचार में करियर के चमकीले अवसर हैं जो सामान्य व्यक्ति को विज्ञान एवं उसकी उपलब्धियों के बारे में समझा सकें। विज्ञान संचार में करियर बनाने के इच्छुक छात्रों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, स्वास्थ्य, ऊर्जा तथा संबंधित क्षेत्रों में विज्ञान पत्रकार, विज्ञान लेखक, जन संपर्क अधिकारी, कार्पोरेट कम्युनिकेटर बनने की गहरी ललक होनी चाहिए तथा बोलने एवं लिखने की प्रवृत्ति भी होनी चाहिए। विज्ञान संचार अब वर्तमान समय में शिक्षा के एक अत्यधिक मान्य विषय के रूप में स्थापित हो चुका है। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की एक शाखा-राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद ने विज्ञान संचार के विभिन्न पाठ्यक्रमों को मान्यता प्रदान की है। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद भी विज्ञान संचार में पाठ्यक्रम संचालित करता है। विज्ञान संचार से संबंधित पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थी इलेक्ट्रॉनिक तथा प्रिंट मीडिया में विज्ञान रिपोर्टर,कॉपी एडिटर तथा टेलीविजन प्रोड्सर के रूप में अच्छा करियर प्राप्त कर सकते हैं। वे विज्ञान, प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, स्वास्थ्य, कृषि, ग्रामीण तथा विकास संचार के क्षेत्रों में कार्यरत जनसंपर्क एजेंसियों, कार्पोरेट संस्थाओं, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी एजेंसियों एवं अन्य संगठनों में आकर्षक रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। सरकारी संगठन, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम, विज्ञान प्रयोगशालाएँ, अनुसंधान तथा विकास केन्द्र, विज्ञान संग्रहालय एवं विज्ञान केन्द्र भी रोजगार के चमकीले अवसर हैं। विद्यार्थी विज्ञान फिल्म निर्माता के रूप में विज्ञान डॉक्यूमेंटरीज निर्माण के लिए अपना निजी प्रोडक्शन हाउस भी प्रारंभ कर सकते हैं।