रबर के गुब्बारों का उपयोग जहाँ बच्चों के खेलने एवं विशेष अवसरों पर सजावट के लिए किया जाता है वहीं रबर के दस्तानों का उपयोग अस्पतालों में काम करते समय, उद्योगों में रासायनिक पदार्थों को प्रयोग में लाते समय एवं बिजली के काम करने के समय करते हैं। जनसंख्या में वृद्धि, जीवन स्तर में सुधार तथा बढ़ते हुए औद्योगीकरण के कारण गुब्बारों एवं रबड के दस्तानों की माँग में निरन्तर वृद्धि हो रही है। रबर के गुब्बारे एवं रबर के दस्ताने बनाने के लिए सबसे पहले रबड के लेटेक्स में हवा फूंककर अमोनिया कम की जाती है। फिर जार मिल में विभिन्न प्रकार के रसायनों को फार्मूलों के अनुसार मिलाकर आवश्यक घोल बनाया जाता है। जो वस्तु बनानी होती है उसके लिए तैयार किए मिश्रित रसायन को निश्चित मात्रा में लेटेक्स के साथ मिलाते हैं एवं सारे मिश्रण को डिपिंग टैंक में भर दिया जाता है, दूसरी ओर जो वस्तु बनानी होती है उसके सांचे को पहले कोग्यूलैन्ट सोल्युशन में डुबोया जाता है फिर रबर के लेटेक्स सोल्यूशन में डुबोया जाता है। साँचों को बहुत ही कम समय के लिए मिश्रण में डुबोकर बाहर निकालकर सुखा लिया जाता है। यही प्रक्रिया बार-बार दुहराई जाती है। सांचों को मिश्रण में इतनी बार डुबोया जाता है जब तक कि उन पर मिश्रण की आवश्यक मोटाई की पर्त न जम जाए। फिर साँचों को ओवन में डालकर वल्केनाईज किया जाता है। इसके उपरांत उत्पादों को पैक कर बाजार में विपणन हेतु भेज दिया जाता है। इस इकाई की स्थापना से संबंधित विस्तृत विवरण के लिए आप अपने जिले में स्थित जिला उद्योग एवं व्यापार केन्द्र से संपर्क करें।