मानव मस्तिष्क की कार्यशैली के सामने कोई भी कृत्रिम यंत्र ठहर नहीं सकता इसलिए अब मानव मस्तिष्क को पढक़र वैज्ञानिकों ने इसके व्यवहार के आधार पर जीवन के हर कार्यक्षेत्र में मस्तिष्क विज्ञान को लागू करना शुरू कर दिया है और इस अनोखी वैज्ञानिक शैली का नाम कॉगनिटिव साइंस रखा है। कॉगनिटिव साइंस साइकोलॉजी, न्यूरो साइंस, फिलॉसफी, कम्प्यूटर साइंस, एन्थ्रोपोलॉजी, लिंग्विस्टिक तथा फिजिक्स के मूल सिद्धांतों पर आधारित विज्ञान की एक विशेष शाखा है। कॉगनिटिव साइंस का प्रयोग मुख्यत: मानव मस्तिष्क से प्रेरित, कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आधारित उत्पादों तथा कम्प्यूटरीकृत प्रोग्रामों के लिए किया जाता है। सूचना प्रौद्योगिकी के वर्तमान युग में प्रोग्राम्स के जरिए प्रोफेशनल्स तरह-तरह के कार्यों को अंजाम देते हैं। अगर इन प्रोग्रामों का विश्लेषण तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता की क्षमता को बढ़ा दिया जाए तो उत्पाद की बढ़ोतरी के साथ गुणवत्ता में भी फर्क आएगा। इस विज्ञान से मानव मस्तिष्क के व्यवहार को तरह-तरह के प्रयोगों द्वारा जानकर इसका उपयोग घरेलू उत्पादों को बेचने तथा मनोवैज्ञानिक तौर पर उत्पादों को लोगों की सुविधा के अनुरूप बनाया जा सकता है। यही कारण है कि औद्योगिक जगत में इस विज्ञान का अस्तित्व उफान पर है। कॉगनिटिव साइंस में एम.ए. या एम.एससी. करने के लिए छात्र को इंजीनियरिंग, साइंस या सोशल साइंस से स्नातक होना आवश्यक है। वहीं पीएचडी के लिए छात्र को साइकोलॉजी, न्यूरो साइंस, इंजीनियरिंग, मेडिकल, फिलॉसफी आदि में स्नातकोत्तर होना आवश्यक है। दुनियाभर में लगभग पचास से भी ज्यादा विश्वविद्यालय इस कोर्स को संचालित कर रहे हैं। इनका मकसद मानव मस्तिष्क को सामाजिक, सांस्कृतिक, भावुक और जागरूक परिस्थितियों में इसकी प्रतिक्रियाओं को जानना है। मानव मस्तिष्क को बेहतर ढंग से समझने की कोशिश जहाँ बढ़ गई है, वहीं अर्जित ज्ञान का इस्तेमाल जीवन की बेहतरी में भी खूब होने लगा है। इसलिए कॉगनिटिव साइंस आज की माँग है, जिसमें करियर की भी ढेरों संभावनाएँ हैं। कॉगनिटिव साइंस से विशेषज्ञता प्राप्त छात्र टीचिंग या रिसर्च को करियर के रूप में अपना सकते हैं। इसके अलावा आईटी कंपनियों के रिसर्च और डेवलपमेंट डिवीजन में अच्छे वेतन पर नियुक्ति पाई जा सकती है। अस्पतालों में मस्तिष्क रोग से ग्रस्त मरीजों को देखने के लिए न्यूरो साइंस डिपार्टमेंट में नियुक्त किया जाता है। विशेषज्ञों को मानव कम्प्यूटर संबंधी कार्यों में भी सम्मिलित किया जाता है, जिसके तहत वह मानव और कम्प्यूटर के बीच की दूरियों को एक भाषा के तहत दूर करते हैं। प्रमुख संस्थान सेंटर ऑफ बिहेवरल एंड कॉगनिटिव साइंस, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद। नेशनल ब्रेन रिसर्च सेंटर, मानेसर, गुडगाँव, हरियाणा। होमी भाभा सेंटर फॉर साइंस एजुकेशन, अणुशक्ति नगर, बस टर्मिनल, वी.एन. पुरव मार्ग, मुंबई। भक्ति वेदना इंस्टीट्यूट, जुहू रोड, मुंबई।