ग्रामीण युवाओं को अपने क्षेत्र में ही स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश में ग्रामीण इंजीनियर योजना शुरू की गई है । इस योजना में ग्रामीण क्षेत्रों में हर गाँव में तकनीकी सेवा उपलब्ध कराने के लिए गाँव के एक हायर सेकेंडरी उत्तीर्ण युवा को `ग्रामीण इंजीनियर' के रूप में प्रशिक्षित किया जाना सुनिश्चित किया गया है । ग्रामीण इंजीनियर योजना के अन्तर्गत चयनित युवाओं को आई.टी.आई. द्वारा बहु कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है । सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने वाले युवाओं को राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद द्वारा प्रमाण पत्र दिए जाते हैं, जिसके आधार पर युवा ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी सेवाएँ दे सकते हैं । योजनान्तर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने के इच्छुक युवाओं से सामान्यत: निम्नानुसार अर्हताएँ अपेक्षित हैं- 1. उम्मीदवार को 10 + 2 पद्धति के अंतर्गत हायर सेकेंडरी उत्तीर्ण होना चाहिए, 2. उम्मीदवार की उम्र 25 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए । 3. उम्मीदवार विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्र का वर्तमान वास्तविक निवासी होना चाहिए । योजनान्तर्गत प्रशिक्षणार्थियों को प्रदान किए जाने वाले प्रशिक्षण की कुल अवधि 90 कार्य दिवस की होती है तथा प्रत्येक दिवस में 4 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाता है । योजनान्तर्गत प्रशिक्षण देने के लिए उम्मीदवार का चयन ग्राम सभा द्वारा किया जाता है । इसमें 50 प्रतिशत स्थान अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु आरक्षित हैं । इसके अलावा गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाती है । इस योजना का क्रियान्वयन संचालनालय प्रशिक्षण मध्यप्रदेश शासन के माध्यम से किया जा रहा है । विस्तृत जानकारी के लिए संयुक्त संचालक, संचालनालय तकनीकी शिक्षा, चौथी मंजिल, सतपुड़ा भवन, भोपाल या अतिरिक्त संचालक, संचालनालय प्रशिक्षण, 9 सिविक सेन्टर, मढ़ाताल, जबलपुर से संपर्क किया जा सकता है ।