अमेरिका और अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल करने वाले अन्य देशों के ग्रेजुएट स्कूल्स में प्रवेश के लिए ग्रेजुएट रिकॉर्ड एग्जाम (जीआरई) होती है। ये परीक्षा एजुकेशनल टेस्टिंग सर्विस कराती है। परीक्षा में छात्रों का लॉजिक, रीजनिंग और अंग्रेजी का ज्ञान परखा जाता है। इस परीक्षा में हर साल करीब 8 लाख भारतीय छात्र बैठते हैं। 3 घंटे 45 मिनट की परीक्षा में तीन मुख्य सेक्शन होते हैं-वर्बल, क्वांटिटेटिव और एनालिटिकल राइटिंग। वर्बल और क्वांटिटेटिव सेक्शन का स्कोर बैंड 130-170 होता है। इसमें सही जवाब के लिए 1 अंक मिलता है। वहीं एनालिटिकल राइटिंग का स्कोर बैंड 0-6 होता है। किसी भी सेक्शन में माइनस मार्किंग नहीं होती है। किसी विषय में ग्रेजुएशन करने के बाद उसी विषय में अगर आप पोस्ट ग्रेजुएशन भी करना चाह रहे हैं तो आप जीआरई के साथ ही जीआरई सब्जेक्ट टेस्ट भी दे सकते हैं। हालांकि सब्जेक्ट टेस्ट के स्कोर जीआरई में नहीं जुड़ते लेकिन यह टेस्ट विषय के प्रति आपकी गंभीरता को दर्शाता है। ये टेस्ट बायोकेमिस्ट्री, सेल एंड मॉलीक्यूलर बायोलॉजी, बायोलॉजी, केमिस्ट्री, इंग्लिश लिट्रेचर, मैथ्स, फिजिक्स और सायकोलॉजी के लिए होते हैं। वर्ष 2013-14 से एजुकेशनल टेस्टिंग सर्विस ने नया सिस्टम शुरू किया है। एक बार में अच्छा स्कोर न आने पर छात्र उस स्कोर को अपने तक ही सीमित रख सकते हैं। ‘स्कोर सिलेक्ट एसएम’ ऑप्शन के जरिए अगर एक बार अच्छा स्कोर नहीं आया, तो दोबारा परीक्षा दें। ऐसा करने पर छात्र अपने बेस्ट स्कोर्स ही इंस्टीट्यूट्स को भेज सकेंगे।