जीमैट इंग्लिश और मैथ्स का कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट है। यह मैनेजमेंट प्रोग्राम्स के लिए स्टूडेंट की योग्यता परखता है। इसके स्कोर 200-800 की रेंज में होते हैं। 1953 में शुरू हुआ यह टेस्ट ग्रेजुएट मैनेजमेंट एडमिशन काउंसिल द्वारा लिया जाता है। जीमैट पूरी दुनिया में अलग-अलग सेंटर्स पर सालभर आयोजित होता है। रजिस्ट्रेशन कराते ही यह पता चल जाता है कि चुने हुए सेंटर पर किस तारीख और किस समय पर आप इसमें शामिल हो सकते हैं। एक छात्र चाहे जितनी बार इस टेस्ट में शामिल हो सकता है। एक बार टेस्ट देने के 31 दिन बाद फिर से और साल में अधिकतम 5 बार यह टेस्ट दिया जा सकता है। 83 देशों की लगभग 1500 यूनिवर्सिटीज जीमैट स्कोर कार्ड के आधार पर 5500 से अधिक मैनेजमेंट प्रोग्राम्स में प्रवेश की पात्रता देती है। परीक्षा में वर्बल और क्वांटिटेटिव एबिलिटी सेक्शन की शुरुआत में औसत कठिनाई वाला प्रश्न पूछा जाता है। यदि जवाब सही हुआ तो अगला सवाल उससे कठिन होता है। वहीं गलत जवाब होने पर कम कठिनाई वाले प्रश्न पूछे जाते हैं। इसीलिए इसे एडाप्टिव टेस्ट कहा जाता है। जीमैट के टोटल स्कोर में केवल वर्बल और क्वांटिटेटिव सेक्शंस के अंक जोड़े जाते हैं। एनालिटिकल रीजनिंग असेसमेंट और इंटिग्रेटेड रीजनिंग के स्कोर टोटल में नहीं जोड़े जाते, उनकी स्कोरिंग अलग से होती है। ऑफिशियल स्कोर कार्ड टेस्ट के करीब 20 दिन बाद आता है। यह उन पाँच इंस्टीट्यूट्स को भी सीधे भेजा जाता है, जिन्हें स्टूडेंट ने रजिस्ट्रेशन के वक्त चुना होता है।