घरों, होटलों और दुकानों में कई तरह का सामान रखने के लिए तार के बास्केट का इस्तेमाल काफी होता है। तार के बने कैरियर स्टैंड से दुपहिया वाहनों में सामान लाने ले जाने का काम काफी सुविधाजनक होता है। इसकी उत्पादन प्रक्रिया के तहत सबसे पहले तार से संबंधित जो भी सामान बनाना होता है, उस सामान का डिजाइन और साइज का ले-आउट बनाया जाता है। उसके बाद 8 और 10 गेज के तार को काटकर जरूरत के हिसाब से उन्हें डाइयों की सहायता से आपस में जोड़ा जाता है । इन बने हुए आकारों के ऊपर तकनीकी का ध्यान रखते हुए प्लास्टिक कोटिंग पावडर चढ़ाया जाता है। इससे तार सुरक्षित रहता है और देखने में सुन्दर भी दिखता है। यह पॉलिश लंबे समय तक सुरक्षित रहती है। तार की टोकरी और अन्य सामान बनाने की इकाई के लिए जो मशीनरी एवं उपकरण आवश्यक होते हैं, उनमें स्पॉट वेल्डिंग मशीन, वायर स्ट्रेटनिंग और कटिंग मशीन, विभिन्न साइजों के डाइ सेट, इलेक्ट्रिक ओवन, हैंड टूल्स आादि शामिल है । इस इकाई को लगाने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत बैंक से ऋण व सहायता हासिल हो जाती हैं । इस बारे में विस्तृत जानकारी के लिए जिले में स्थित जिला उद्योग और व्यापार केंद्र से सम्पर्क किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि तार की टोकरी एवं अन्य सामान बनाने की इकाई बनाने संबंधी यूनिट वे स्टूडेंट बहुत अच्छी तरह से चला सकते हैं जिन्होंने आईटीआई, पोलिटेक्निक या इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल विषय में कोई डिप्लोमा का शिक्षण प्राप्त किया है। यह भी जरूरी है कि इस इकाई को शुरू करने के पहले पर्याप्त अनुभव लिया जाए।