पिछले कुछ सालों में प्रकाशन और मुद्रण व्यवसाय का बहुत तेजी से विकास हुआ है। ऐसे में जाहिर है इस क्षेत्र में भी रोजगार की भरपूर संभावनाएँ हैं। एक आकलन के मुताबिक आज हमारे देश में छोटे-बड़े लगभग 50 हजार से अधिक प्रेस हैं, जिनमें करीब 10 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है। इन प्रेसों से लाखों पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन हो रहा है। इस प्रकार प्रकाशन एवं मुद्रण व्यवसाय के क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी की शिक्षा हासिल करने वाले युवाओं के लिए रोजगार की अपार संभावनाएँ हैं। प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा प्राप्त युवा सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र के प्रतिष्ठïानों, विज्ञापन संस्थाओं, प्रकाशन समूहों, प्रेस इन्फार्मेशन एंड पब्लिसिटी ब्यूरो, प्रिंटिंग यूनिटों, ग्राफिक आर्ट मटेरियल निर्माण कंपनियों आदि में प्रिंटिंग इंजीनियर, टेक्नोके्रेट, टेक्नो मैनेजर, डिजाइनर एवं तकनीशियन आदि के रूप में कार्य कर सकते हैं। अधिकांश संस्थानों में 2 वर्षीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम ही चलाया जाता है, जिसमें प्रवेश की न्यूनतम योग्यता दसवीं है। कुछ बड़े प्रेस अपने यहाँ प्रशिक्षणार्थियों की नियुक्ति करके मुद्रण तकनीक का प्रशिक्षण देते हैं। कहीं-कहीं औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में भी मुद्रण से संबंधित विषय का प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी का कोर्स कराने वाले प्रमुख संस्थान हैं- स्कूल ऑफ प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी, डॉ. डी.एन. रोड, मुंबई । स्कूल ऑफ प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी, बंगलुरू गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी, मुंबई।