यकीनन प्लांट ब्रीडिंग के क्षेत्र में करियर की अच्छी संभावनाएँ हैं। हमारे देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि का योगदान लगभग 17 प्रतिशत के करीब है। हमारी लगभग आधी से अधिक जनसंख्या अपनी आय के लिए कृषि कार्य में संलग्न है। वर्ष 2025 तक हमारी खाद्यान्न माँग बहुत अधिक बढ़ जाएगी क्योंकि हमारी जनसंख्या तेज गति से बढ़ रही है। अत: पादप प्रजनन अर्थात प्लांट ब्रीडिंग के माध्यम से फसल का उत्पादन बढ़ाया जाना आवश्यक है। कृषि उत्पादन को बढ़ाने में पादप प्रजनन की भूमिका महत्वपूर्ण है। जिन युवाओं की कृषि तथा अनुवांशिकी के क्षेत्र में रुचि हैं वे पादप प्रजनन के क्षेत्र में चमकीला करियर बना सकते हैं। निसंदेह पादप प्रजनन में पाठ्यक्रम करने के उपरांत वैज्ञानिक, वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता, शिक्षाविद्, प्लांट ब्रीडर, विपणन विशेषज्ञ, हाइब्रिड बीज सलाहकार आदि पदों पर रोजगार के उजले अवसर हैं। पादप प्रजनन में स्नातकोत्तर के उपरांत कृषि विश्वविद्यालयों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद संस्थानों, सरकारी बीज उत्पादक एजेंसियों जैसे राष्ट्रीय बीज निगम, राज्य बीज निगमों में शिक्षा तथा अनुसंधान में करियर बनाया जा सकता है। बहुराष्ट्रीय बीज उत्पादक कंपनियों में भी रोजगार के उजले अवसर हैं। यह बात भी महत्वपूर्ण है कि पादप प्रजनन में उजला करियर बनाने के लिए जीव विज्ञान अथवा एग्रीकल्चर समूह से बारहवीं उत्तीर्ण करने के उपरांत बीएससी की जानी होगी। इसके बाद पादप प्रजनन में स्नातकोत्तर डिग्री की जा सकती है। वर्तमान समय में अधिकांश राज्य कृषि विश्वविद्यालयों में पादप प्रजनन विषय उपलब्ध है। आणंद कृषि विश्वविद्यालय, आणंद, गुजरात, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से पादप प्रजनन का कोर्स किया जाना करियर की दृष्टि से उपयुक्त रहेगा।