आज हमारे देश में फाइनेंशियल सर्विसेज में रोजगार के अवसर बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं, इसलिए फाइनेंस एक्सपर्ट की जरूरत भी तेजी से बढ़ रही है। फाइनेंशियल सर्विसेज काफी संभावनाओं वाला सुरक्षित करियर है। फाइनेंशियल सर्विसेज में करियर बनाने के लिए कॉमर्स, मैनेजमेंट और अर्थशा की विशेषज्ञता वाली डिग्रियाँ लाभप्रद होती हैं। फाइनेंशियल सर्विसेज क्षेत्र में सफलता के लिए आपके पास बेहतर मैथेमेटिकल तथा एनालिटिकल स्किल, प्रॉब्लम सॉल्विंग तथा डिसिजन मेकिंग स्किल, ऑर्गेनाइजेशन स्किल तथा कम्प्यूटर का ज्ञान होना जरूरी है। आपका एक बेहतर निर्णय लेने वाला होने के साथ ही आपकी वाणिज्य तथा बिजनेस में अच्छी जानकारी होनी जरूरी है। फाइनेंशियल सर्विसेज के अन्तर्गत कॉरपोरेट फाइनेंस, कमर्शियल बैंकिंग, इंश्योरेंस, इनवेस्टमेंट बैंकिंग, मनी मैनेजमेंट, रियल एस्टेट तथा फाइनेंशियल प्लानिंग जैसे क्षेत्र आते हैं। कॉरपोरेट फाइनेंस में किसी कंपनी में काम करते हुए उसके फाइनेंशियल भविष्य की प्लानिंग करना शामिल होता है। प्रमुख जॉब एरिया हैं- ट्रेजरी, कैश मैनेजमेंट, फाइनेंशियल एनालिसिस, क्रेडिट मैनजमेंट तथा कंट्रोलिंग। कमर्शियल बैंकिंग में लोन जारी करना, लीजिंग, मोर्टगेज सर्विस, ट्रेड क्रेडिट, क्रेडिट कार्ड, बैंकिंग, ट्रस्ट सर्विसेज, इंटरनेशनल फाइनेंस तथा ऑपरेशन हैंडलिंग शामिल हैं। भारत में इंश्योरेंस प्रोफेशनल्स की भी बहुत भारी माँग है। मुख्य जॉब एरिया हैं एजेंसी तथा ब्रोकरशिप, रिस्क मैनेजमेंट, क्लेम एडजस्टमेंट सर्विस मैनेजमेंट। मनी मैनेजमेंट में प्रमुख कार्यक्षेत्र हैं पोर्टफोलियो मैनेजमेंट, इनवेस्टमेंट एडवाइजरी, सेल्स,हेज फंड ट्रेडिंग तथा म्युचुअल फंड़ एनालिस्ट। सिक्योरिटीज ट्रेड तथा फाइनेंशियल एडवाइस भी शामिल है। रियल एस्टेट सेक्टर में कमर्शियल तथा रेसिडेंशियल रियल एस्टेट ब्रोकरिंग, प्रॉपर्टी मैनेजमेंट, रियर एस्टेट, एप्रेजल, कंस्ट्रक्शन और डेवलपमेंट शामिल हैं। फाइनेंशियल प्लानर्स लोगों को उनके फाइनेंशियल फ्यूचर की योजना बनाने में मदद करते हैं, जिसमें टैक्स, बेस्टमेंट और एस्टेट प्लानिंग जैसे मुद्दे शामिल होते हैं। फाइनेंशियल सर्विसेज में रोजगार वित्तीय सरकारी एजेंसियों तथा कई कॉरपोरेशन्स, नेशनल तथा इंटरनेशनल बैंकों तथा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स में उपलब्ध हैं।