फार्मास्युटिकल मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में कॅरियर बनाना चाहता हूँ। कृपया मार्गदर्शन दें।

चूँकि अब फार्मेसी क्षेत्र एक उद्योग-व्यवसाय की तरह विकसित हो गया है, अतएव इस क्षेत्र में उन युवाओं के लिए चमकीले अवसर हैं, जिन्हें फार्मेसी टेक्नोलॉजी के साथ-साथ मैनेजमेंट का भी ज्ञान है। वर्तमान में भारत अमेरिका, रूस, जर्मनी, इंग्लैंड और ब्राजील सहित दुनिया के 200 से अधिक देशों को दवाइयों का निर्यात करता है। फार्मेसी दवाइयों से संबंधित ऐसा क्षेत्र है, जिसमें नई-नई दवाइयों के आविष्कार से लेकर उनकी गुणवत्ता, रखरखाव और मात्रा से संबंधित विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया जाता है। औषधि निर्माण का कार्य अत्यंत प्राचीनकाल से चला आ रहा है। यह कार्य प्रशिक्षित और कुशल व्यक्तियों द्वारा ही किया जा सकता है। इस कार्य की माँग हमेशा से बनी हुई है। फार्मास्युटिकल मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में करियर बनाने हेतु फार्मेसी में स्नातक या स्नातकोत्तर स्तर पर होना आवश्यक है। फार्मेसी मैनेजमेंट की पढ़ाई लाभप्रद है। स्नातक पाठ्यक्रम हेतु विज्ञान विषयों से बारहवीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है। स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम हेतु फार्मेसी या बायोलॉजी से जुड़ी कोई डिग्री होना जरूरी है। इस क्षेत्र के स्नातकों के लिए दवा उद्योगों और सरकारी तथा निजी क्षेत्रों में उपलब्ध करियर के अवसर निम्नानुसार हैं- विनिर्माण केमिस्ट के रूप में करियर- विनिर्माण केमिस्ट के सक्रिय निर्देशन तथा व्यक्तिगत पर्यवेक्षण में दवाइयों का निर्माण किया जाता है। औषधियों के विनिर्माण कार्य की देखरेख से जुड़ा यह रोजगार बहुत ही रोचक और जिम्मेदारीपूर्ण है। विनिर्माण केमिस्ट के लिए वक्र्स मैनेजर या फैक्टरी प्रबंधक जैसे सर्वोच्च पद पर पदोन्नति की उजली संभावनाएँ होती हैं। गुणवत्ता नियंत्रक केमिस्ट के रूप में करियर- राष्ट्रीय या अन्य स्वीकृत औषध संग्रह में विनिर्दिष्टï मानदंडों के अनुरूप औषधीय उत्पादों की गुणवत्ता हेतु उत्पादों के नमूनों की जाँच का कार्य किया जाता है। स्नातक और साथ में औषधियों के विश्लेषण तथा अत्याधुनिक उपकरणों के संचालन में अभिरुचि रखने वालों के लिए इस क्षेत्र में उजले अवसर हैं। अस्पताल फार्मासिस्ट के रूप में करियर- अस्पतालों में फार्मासिस्टों का कामकाज बहुत व्यापक होता है और वे दवाइयों की खरीद से लेकर इनका रोगियों में वितरण तक का कार्य संभालते हैं। संक्षेप में कहा जाए तो वे अस्पतालों में औषधि प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होते हैं। हालांकि औषधि वितरण के कार्य के लिए कानूनी तौर पर फार्मेसी में डिप्लोमा की योग्यता पर्याप्त है लेकिन सरकारी क्षेत्र एवं कार्पोरेट अस्पतालों में सेवा क्षेत्र में क्रय व्यवस्था में फार्मेसी में डिग्री को वरीयता दी जाती है। औषधि निरीक्षक के रूप में करियर- दवाओं का न केवल प्रभावी होना अपेक्षित होता है बल्कि यह सुरक्षित और गुणवत्ता आश्वासन से परिपूर्ण भी होनी चाहिए। सुरक्षा, गुणवत्ता तथा प्रभावोत्पादकता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दवाइयों के निर्माण से बिक्री तक का संपूर्ण औषधीय परिदृश्य केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारों के द्वारा लाइसेंसिंग और निरीक्षण प्रक्रिया के माध्यम से विनियमित किया जाता है। औषधीय स्नातक सरकारी सेवा में औषधि निरीक्षक के रूप में सामान्यत: लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा के माध्यम से प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। सरकारी विश्लेषक के रूप में करियर- विनिर्माण इकाइयों के अथवा खुदरा औषधि भंडार से लिए गए औषधियों के नमूनों की सरकारी औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं में जाँच की जाती है। स्नातक फार्मासिस्ट इन सरकारी प्रयोगशालाओं में सरकारी विश्लेषक के रूप में कार्य करते हैं। इन फार्मासिस्टों को सरकारी विश्लेषक या मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में दवाओं के परीक्षण से संबंधित प्रशिक्षण लेना आवश्यक होता है। फार्मास्युटिकल मैनेजमेंट एवं टेक्नोलॉजी के कोर्स संचालित करने वाले देश के प्रमुख संस्थान हैं- डीवाय पाटिल यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, नवी मुंबई। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर। नर्सी मोंजे इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, मुंबई। तिलक महाराष्ट्र विद्यापीठ, पुणे। इंस्टीट्यूट ऑफ फॉर्मा एंड हेल्थकेयर मार्केटिंग, नई दिल्ली। महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी, रोहतक। दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉर्मास्युटिकल मार्केटिंग, लखनऊ। पोद्दार मैनेजमेंट एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, जयपुर।

पत्रिका

Pratiyogita Nirdeshika January 2026
Books for MPPSC Exam Preparation 2026 || विभिन्न परीक्षाओं हेतु उपयोगी 12 अंक मात्र 150 में
Pratiyogita Nirdeshika December 2025
Books for MPPSC Exam Preparation 2025 || विभिन्न परीक्षाओं हेतु उपयोगी 12 अंक मात्र 150 में

ब्लॉग

मार्गदर्शन

सामान्य ज्ञान