निसंदेह कोविड-19 के बाद फॉरेन लैंग्वेजेस सेक्टर में करियर के मौके बढ़ेंगे। खासतौर से कोविड-19 के बीच भारत ने सहयोगात्मक रवैये के कारण दुनिया के अधिकांश देशों के साथ भारत के अच्छे संबंध विकसित हुए हैं। अतएव दुनिया भर के देशों के साथ भारत के उद्योग-कारोबार और सांस्कृतिक संबंधों के बढ़ने के मद्देनजर फॉरेन लैंग्वेजस की अहमियत बढ़ेगी। ज्ञातव्य है कि वैश्वीकरण के वर्तमान दौर में जब विभिन्न देशों के बीच की दूरियाँ और सीमाएँ सिमटकर रह गई हैं, तब विदेशी भाषाओं फॉरेन लैंग्वेजेस की जानकारी रोजगार के बेहतरीन अवसर मुहैया करा रही है। विदेशी भाषा में रोजगार की संभावना इस बात पर ज्यादा निर्भर करती है कि आपके भीतर अभिव्यक्ति की क्षमता कितनी है ? विदेशी भाषा सीखकर आप अनुवादक या दुभाषिया बन सकते हैं। विदेशी भाषा की पढ़ाई करने के बाद छात्र टूरिस्ट गाइड, अध्यापन, विभिन्न एयरलाइंस में भी उजला करियर बना सकते हैं। इसके अलावा आप स्वतंत्र लेखन, अनुवाद संस्थाओं, शोध संस्थाओं, अंतरराष्ट्रीय संस्थानों, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, विदेशी कंपनियों व पुस्तक प्रकाशन में पर्याप्त रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। आप होटल और पर्यटन उद्योग, जनसंचार और मनोरंजन, वाणिज्य, व्यापार और औद्योगिक घराने, दूतावास और राजनयिक क्षेत्र में भी अच्छा करियर प्राप्त कर सकते हैं। विदेशी भाषा कोर्स करने के उपरांत विदेशों में भी करियर के काफी उजले अवसर विद्यमान हैं। विदेशी भाषा से संबंधित पाठ्यक्रम मुख्यत: तीन प्रकार के होते हैं- प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम, डिप्लोमा पाठ्यक्रम और डिग्री पाठ्यक्रम। प्रमाणपत्र और डिग्री पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए बारहवीं परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है, लेकिन ज्यादातर स्थानों पर डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए पात्रता मापदंड संबद्ध भाषा में प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम है। विदेशी भाषा का पाठ्यक्रम करने के लिए संबंधित संस्थानों द्वारा अपने स्तर पर प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। इस परीक्षा में चयनित होकर आप विदेशी भाषा का पाठ्यक्रम कराने वाले उपयुक्त शिक्षण संस्थानों में प्रवेश ले सकते हैं।