एनिमेशन, वीडियो, टेक्स्ट, ऑडियो, ग्राफिक्स और इंटरेक्टिविटी को मिलाकर बना है -मल्टीमीडिया। मल्टीमीडिया का आजकल प्रिंट, टेलीविजन, सिनेमा, विज्ञापनों, इंटरनेट, बिजनेस प्रजेंटेशन, सॉफ्टवेयर इंटरफेज, वीडियो गेमिंग और शिक्षा जैसे तमाम क्षेत्रों में उपयोग हो रहा है। मनोरंजन उद्योग के विकास में आने वाले दिनों में भी मल्टीमीडिया का अहम योगदान रहेगा। इस क्षेत्र में भारत के आगे रहने का प्रमुख कारण एनिमेशन में महारत होना है। नैसकॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार आने वाले दो-तीन वर्षों में ही एनिमेशन का क्षेत्र लगभग 35 प्रतिशत से अधिक की दर से विकसित होकर 9500 लाख रुपए के आँकड़े को छू सकता है। मल्टीमीडिया के क्षेत्र में 12वीं के बाद कॅरियर बनाया जा सकता है। मल्टीमीडिया में कॅरियर की संभावनाओं का अंदाजा गली-मोहल्ले एवं नुक्कड़ों में खुलते जा रहे मल्टीमीडिया ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट की संख्या को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है लेकिन सभी संस्थाओं में अच्छी सुविधाएँ हों, यह भी जरूरी नहीं है। युवाओं को इस क्षेत्र में प्रतिष्ठिïत संस्थान से शॉर्ट टर्म या फिर पार्ट टाइम कोर्सेस के बजाय लंबी अवधि के कोर्स को ज्वॉइन करना चाहिए, क्योंकि मल्टीमीडिया में अच्छे रोजगार के लिए सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों से ज्यादा महत्व डिग्री पाठ्यक्रम को दिया जाता है । मल्टीमीडिया से जुड़े प्रमुख पाठ्यक्रम इन संस्थानों में उपलब्ध हैं- नेशनल इंस्ट्टियूट ऑफ डिजाइन, पालदी, अहमदाबाद। फिल्म एंड टेलीविजन इंस्ट्टियूट ऑफ इंडिया, पुणे। इंडस्ट्रियल डिजाइन सेंटर, आईआईटी, पवई मुंबई। मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों में स्थित एरीना मल्टीमीडिया । माया एकेडमी ऑफ एडवांस्ड सिनेमेटिक्स, इंदौर।