मानचित्र विज्ञान में करियर की अच्छी संभावनाएँ हैं। मानचित्र विज्ञान/नक्शानवीसी के तहत अनुसंधान, अध्ययन-अध्यापन से जुड़े आँकड़ों का संग्रह, भूमिगत निरीक्षण, सर्वेक्षण और जनसंख्या या तापमान जैसे आँकड़ों का विश्लेषण करने वाले मानचित्र शामिल होते हैं। इन्हें संपादित करने की कला ही मानचित्र विज्ञान के अन्तर्गत आती है। लंबे समय तक मानचित्र का प्रयोग समुद्री जहाज, विमानों के संचालन में या इसी प्रकार के कार्यों में किया जाता था, लेकिन वर्तमान में इनका प्रयोग बहुत अधिक बढ़ गया है। आज हमारे जीवन में विभिन्न प्रकार के मानचित्रों की आवश्यकता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। एक मानचित्रकार का मुख्य उद्देश्य जटिल से जटिल तथ्यों को मानचित्र चार्ट के माध्यम से प्रस्तुत कर उस विषय को अधिक स्पष्टï एवं सरल बनाना है। मानचित्र के संकल्प से लेकर उसकी डिजाइन, अभिविन्यास, संपादन, आकार, मुद्रण आदि के लिए मानचित्रकार को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। आधुनिक युग में मानचित्र विज्ञान में भी नई-नई तकनीक जैसे हवाई फोटोग्राफी,सुदूर संवेदन, इलेक्ट्रो कम्प्यूटर आदि का प्रयोग होने से इसका क्षेत्र बहुत व्यापक हो गया है और रोजगार की भी नई संभावनाएँ उत्पन्न हो गई हैं। मानचित्र विज्ञान का महत्व बढऩे के कारण विभिन्न शिक्षण संस्थानों ने इससे संबंधित पाठ्यक्रम शुरू कर दिए हैं। इन पाठ्यक्रमों के तहत मानचित्र विज्ञान में डिप्लोमा करने के लिए न्यूनतम योग्यता के रूप में 50 फीसदी अंकों के साथ बैचलर डिग्री आवश्यक है। अर्थशास्त्र या भूगोल अथवा सांख्यिकी में स्नातकोत्तर अभ्यर्थी को इसमें विशेष वरीयता दी जाती है। डिप्लोमा व अनुभवी व्यक्ति के लिए सरकारी व गैर-सरकारी दोनों क्षेत्रों में करियर के अनेक अवसर मौजूद हैं। कर्मचारी चयन आयोग द्वारा समय-समय पर मानचित्रकार हेतु रिक्तियाँ निकाली जाती हैं। इसके अलावा केंद्र तथा राज्य सरकारों के अंतर्गत जनगणना विभाग, भूमि सर्वेक्षण, नगरीय नियोजन तथा पर्यटन विभागों द्वारा ऐसे तकनीकी विशेषज्ञों को आकर्षक वेतन पर नियुक्त किया जाता है। बहुराष्टï्रीय कंपनियों मे भी मानचित्रकारों की अच्छी खासी माँग है। मानचित्र विज्ञान से संबंधित विभिन्न पाठ्यक्रम इन संस्थानों में उपलब्ध हैं- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सर्वेइंग एंड मेपिंग, हैदराबाद। जामिया मिलिया इस्लामिया, जामिया नगर, नई दिल्ली। पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़। उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़।