अगरबत्ती उद्योग घर से ही शुरू किया जा सकता है । इस हेतु ज्यादा पूँजी की भी जरूरत नहीं होती एवं अगरबत्ती लगभग हर घर में प्रयुक्त होती है अत: इसकी माँग सदा बनी रहने वाली है । अगरबत्ती को दो प्रकार से तैयार कर बाजार में बेचा जा सकता है । एक थोक में सूखी अगरबत्ती खरीदकर उसे सुंगधित तेल में डुबाकर रीपैकिंग कर बाजार में बेचना । सूखी अगरबत्ती 25 से 40 रु. प्रति किलो के हिसाब से मिलती है । दूसरा, बाँस की तीलियाँ खरीदकर उन पर निर्धारित फार्मूले के अनुसार मसाला लगाकर अगरबत्ती तैयार करना । अगरबत्ती निर्माण के लिए लकड़ी, सफेद चंदन, मैदा लकड़ी, लकड़ी का कोयला, राल तथा गूगल को विभिन्न अनुपात में मिलाकर मसाला तैयार किया जाता है । बांस की तीलियों पर मसाला चढ़ाकर उसे सुगंधित बनाने के लिए सुगंधित मिश्रण में डुबोया जाता है । सूख जाने पर इन्हें पैक कर विपणन हेतु प्रस्तुत किया जाता है । पैकिंग के लिए इन्हें मोमयुक्त कागज में लपेटकर अथवा आकर्षक पैकेट्स में डालकर बाजार में विपणन हेतु प्रस्तुत करते हैं । इवेंट मैनेजमेंट क्या है ? इवेंट