टैंट हाऊस की इकाई एक सेवा इकाई के रूप में कार्य करती है तथा उसके द्वारा दी जाने वाली सेवाएँ इस बात पर निर्भर करती है कि उस क्षेत्र का आर्थिक एवं भौगोलिक विकास कितना हुआ है । आज के प्रगतिशील ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में टैंट हाऊस की इकाई की स्थापना एक सूझबूझ भरा तथा निर्णायक कदम साबित हो सकता है । वित्तीय स्रोत- लगभग 97,000 रु. की लागत वाली टैंट हाऊस निर्माण की इकाई प्रधानमंत्री रोजगार योजनांतर्गत उद्यमी स्थापित कर सकता है । इस हेतु उद्यमी को कुल लागत की 5 प्रतिशत राशि बतौर मार्जिन मनी लगाना होगी । कार्यस्थल :- टैंट हाऊस का सामान रखने हेतु लगभग 800 वर्ग. फीट कार्यस्थल की आवश्यकता होती है । आवश्यक उपकरण :- एक छोटे स्तर के टैंट हाऊस की स्थापना के लिए टैंट, कनात, बांस, रस्सी, लकड़ी एवं लोहे के खूंटे, खाना बनाने का सामान यथा - भगोना, कढ़ाही, झारा, चम्मच, परात, ग्लास, जग, गैस भट्टी, खाना परोसने का सामान यथा - चौमुखा, कमण्डल, तसला, कड़छी, धामे । बैठने हेतु- टाटपट्टी, दरी, प्लास्टिक मोल्डेड कुर्सियाँ, लौहे कि टेबल, पानी भरने हेतु ड्रम, सोने हेतु बिस्तर यथा - गादी, रजाई, चादर तथा तकिए की आवश्यकता पड़ती है । जिसे लगभग 90 हजार रु. की लागत से क्रय किया जा सकता है । उपकरण कहाँ से प्राप्त करें- टैंट हाऊस हेतु सामान स्थानीय बाजारों से प्राप्त हो सकता है । मध्यप्रदेश में मुख्यत: इन्दौर का बाजार इन सामानों की प्राप्ति के लिए उपयुक्त है । इस इकाई की स्थापना हेतु और अधिक जानकारी के लिए अपने जिले में स्थित जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र से संपर्क करें ।